मध्य प्रदेश के टाइगर प्रोजेक्ट

मध्य प्रदेश में टाइगर प्रोजेक्ट (Project Tiger) की पूरी जानकारी

मध्य प्रदेश को “टाइगर स्टेट” कहा जाता है क्योंकि यहाँ सबसे ज्यादा बाघ हैं।
1973 में भारत सरकार ने “प्रोजेक्ट टाइगर” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य बाघों का संरक्षण करना था।
✅ मध्य प्रदेश में कुल 7 टाइगर रिजर्व (Tiger Reserves) हैं, जो बाघों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने के लिए बनाए गए हैं।


📍 मध्य प्रदेश के 7 टाइगर रिजर्व और उनकी विशेषताएँ

1. कान्हा टाइगर रिजर्व (1973)

📍 स्थान: मंडला, बालाघाट
विशेषता: यह पहला टाइगर रिजर्व था, जो “बारहसिंगा” के संरक्षण के लिए भी प्रसिद्ध है।

2. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (1993)

📍 स्थान: उमरिया
विशेषता: यहाँ सबसे ज्यादा बाघों की संख्या घनत्व (Tiger Density) है, इसलिए यह बाघ प्रेमियों के लिए खास है।

3. पन्ना टाइगर रिजर्व (1994)

📍 स्थान: पन्ना, छतरपुर
विशेषता: एक समय यहाँ बाघ पूरी तरह समाप्त हो गए थे, लेकिन बाघ पुनर्वास (Tiger Reintroduction Program) से फिर से बाघ बसाए गए।

4. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (1999)

📍 स्थान: नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा
विशेषता: यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है और यहाँ पैदल सफारी की सुविधा भी उपलब्ध है।

5. संजय टाइगर रिजर्व (2008)

📍 स्थान: सीधी, सिंगरौली
विशेषता: यह छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा है और यहाँ घने जंगलों में बाघ पाए जाते हैं।

6. पेंच टाइगर रिजर्व (1992)

📍 स्थान: सिवनी, छिंदवाड़ा
विशेषता: यह “द जंगल बुक” के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसी जंगल से “मोगली” की कहानी की प्रेरणा मिली थी।

7. कूनो टाइगर रिजर्व (2018)

📍 स्थान: श्योपुर
विशेषता: यहाँ एशियाई चीतों को बसाया गया है, जिससे यह भारत का पहला चीता पुनर्स्थापन क्षेत्र बन गया है।


📜 टाइगर प्रोजेक्ट का इतिहास और प्रभाव

1973 में भारत सरकार ने “Project Tiger” की शुरुआत की, क्योंकि बाघों की संख्या बहुत तेजी से घट रही थी।
✅ मध्य प्रदेश में सबसे पहले कान्हा टाइगर रिजर्व बनाया गया था।
✅ धीरे-धीरे अन्य टाइगर रिजर्व भी स्थापित किए गए, जिससे बाघों की संख्या बढ़ी।

🎯 परिणाम (Achievements of Project Tiger in MP)

1972 में भारत में सिर्फ 1,827 बाघ बचे थे, लेकिन अब बाघों की संख्या 3,167 (2022 की गणना) हो गई है।
मध्य प्रदेश में 2022 में बाघों की संख्या 785 दर्ज की गई, जो भारत में सबसे ज्यादा है।
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ फिर से बसाए गए, जो अब 50+ हो चुके हैं।
✔ टाइगर रिजर्व के कारण पर्यटन और स्थानीय रोजगार बढ़ा है।


📌 आसान ट्रिक (याद रखने का तरीका)

“कान्हा के बांधव पन्ना सतपुड़ा संजय संग पेंच कूदा”

कान्हा → कान्हा टाइगर रिजर्व
बांधव → बांधवगढ़
पन्ना → पन्ना
सतपुड़ा → सतपुड़ा
संजय → संजय
पेंच → पेंच
कूदा → कूनो


📌 निष्कर्ष:

✔ मध्य प्रदेश में कुल 7 टाइगर रिजर्व हैं।
“Project Tiger” 1973 में शुरू हुआ था।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं, इसलिए इसे “टाइगर स्टेट” कहा जाता है।
बाघों की संख्या 785 (2022) तक पहुँच चुकी है।


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