मध्य प्रदेश की मिट्टियां

मध्य प्रदेश की मिट्टी (Soil of Madhya Pradesh) – विस्तृत जानकारी

मध्य प्रदेश की मिट्टी विविध प्रकार की है और इसकी विशेषताएँ जलवायु, भौगोलिक संरचना और अपक्षय की प्रक्रिया पर निर्भर करती हैं। राज्य की मिट्टी मुख्यतः ज्वालामुखीय चट्टानों, तलछटी चट्टानों और जलोढ़ निक्षेपों से बनी है। यह राज्य कृषि प्रधान है, इसलिए मिट्टी की गुणवत्ता यहाँ की कृषि उत्पादन को सीधे प्रभावित करती है।


1. मध्य प्रदेश की प्रमुख मिट्टियाँ और उनका विस्तार

(1) काली मिट्टी (Black Soil) – रेगुर मिट्टी

  • स्थिति: मालवा, निमाड़, महाकौशल और कुछ भाग बुंदेलखंड क्षेत्र में।
  • मुख्य जिले: इंदौर, उज्जैन, धार, रतलाम, मंदसौर, खरगोन, होशंगाबाद।
  • विशेषताएँ:
    • यह मिट्टी ज्वालामुखीय चट्टानों से बनी होती है।
    • कपास की खेती के लिए उपयुक्त होती है, इसलिए इसे “कपास मिट्टी” भी कहा जाता है।
    • जल धारण क्षमता अधिक होती है, लेकिन सूखने पर कठोर हो जाती है।
    • इसमें लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होता है।

(2) लाल मिट्टी (Red Soil)

  • स्थिति: बघेलखंड, सतपुड़ा और महाकौशल क्षेत्र में।
  • मुख्य जिले: रीवा, सतना, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा।
  • विशेषताएँ:
    • यह मिट्टी लौह ऑक्साइड की अधिकता के कारण लाल रंग की होती है।
    • इसमें नाइट्रोजन और जैविक पदार्थों की कमी होती है।
    • यह मोटे अनाज, दालों और तिलहन की खेती के लिए उपयुक्त है।

(3) जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil)

  • स्थिति: चंबल, बेतवा और नर्मदा नदी घाटी में।
  • मुख्य जिले: मुरैना, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी, सागर, दमोह।
  • विशेषताएँ:
    • यह मिट्टी नदियों द्वारा लाई गई अवसादी मिट्टी होती है।
    • अत्यधिक उपजाऊ होने के कारण इसमें गेहूँ, चावल, गन्ना, सब्जियाँ और दलहन की खेती की जाती है।
    • जल संरक्षण की अच्छी क्षमता होती है।

(4) लेटराइट मिट्टी (Laterite Soil)

  • स्थिति: विंध्य, सतपुड़ा और महादेव पर्वत श्रेणी के पठारी क्षेत्रों में।
  • मुख्य जिले: बैतूल, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी।
  • विशेषताएँ:
    • इसमें लौह और एल्युमिनियम ऑक्साइड की अधिकता होती है।
    • जैविक पदार्थों की कमी होती है, जिससे यह कृषि के लिए कम उपयुक्त होती है।
    • इसमें चाय, कॉफी और मसालों की खेती की जाती है।

(5) पीली मिट्टी (Yellow Soil)

  • स्थिति: बघेलखंड और महाकौशल क्षेत्र में।
  • मुख्य जिले: जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर।
  • विशेषताएँ:
    • यह मिट्टी ऑक्सीकरण के कारण पीले रंग की होती है।
    • इसमें जैविक तत्वों और नाइट्रोजन की कमी होती है।
    • यह तिलहन और मोटे अनाज की खेती के लिए उपयुक्त होती है।

(6) बालू मिट्टी (Sandy Soil)

  • स्थिति: चंबल और शिवपुरी क्षेत्र में।
  • मुख्य जिले: मुरैना, भिंड, ग्वालियर।
  • विशेषताएँ:
    • यह हल्की और रेतीली होती है, जिसमें जल धारण क्षमता कम होती है।
    • फसलों के लिए सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है।
    • इसमें सरसों, बाजरा और दलहन की खेती की जाती है।

2. मिट्टी से संबंधित सामान्य ज्ञान (MPPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर)

  1. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक पाई जाने वाली मिट्टी कौन-सी है?
    • उत्तर: काली मिट्टी (Black Soil)
  2. कौन-सी मिट्टी को कपास मिट्टी के नाम से जाना जाता है?
    • उत्तर: काली मिट्टी
  3. मध्य प्रदेश में लाल मिट्टी मुख्यतः किस क्षेत्र में पाई जाती है?
    • उत्तर: बघेलखंड और सतपुड़ा क्षेत्र
  4. जलोढ़ मिट्टी किस नदी के किनारे पाई जाती है?
    • उत्तर: चंबल, बेतवा, नर्मदा, सोन
  5. लेटराइट मिट्टी में कौन-कौन से खनिज तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं?
    • उत्तर: लौह ऑक्साइड और एल्युमिनियम ऑक्साइड
  6. पीली मिट्टी का रंग पीला क्यों होता है?
    • उत्तर: ऑक्सीकरण के कारण
  7. मध्य प्रदेश के किस जिले में लेटराइट मिट्टी पाई जाती है?
    • उत्तर: बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट
  8. बुंदेलखंड क्षेत्र में किस प्रकार की मिट्टी प्रमुख रूप से पाई जाती है?
    • उत्तर: लाल मिट्टी
  9. नर्मदा और चंबल घाटी में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है?
    • उत्तर: जलोढ़ मिट्टी
  10. रेतीली मिट्टी किस क्षेत्र में पाई जाती है?
  • उत्तर: चंबल और ग्वालियर क्षेत्र

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश की मिट्टी का प्रकार इसकी भौगोलिक स्थिति और जलवायु पर निर्भर करता है। काली मिट्टी यहाँ की प्रमुख मिट्टी है, जो कृषि के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। लाल और जलोढ़ मिट्टी भी कई क्षेत्रों में पाई जाती हैं। MPPSC परीक्षा के लिए मिट्टी से जुड़े प्रश्न अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इनका अध्ययन आवश्यक है।

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