मध्य प्रदेश की जलवायु, ऋतुएं, तापमान

मध्य प्रदेश की जलवायु (Climate of Madhya Pradesh) – विस्तृत जानकारी

मध्य प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Tropical Monsoon) प्रकार की है, जो मुख्य रूप से तीन ऋतुओं में विभाजित होती है – ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु और शीत ऋतु। इस राज्य में तापमान, वर्षा और जलवायु परिस्थितियाँ भौगोलिक स्थिति के अनुसार भिन्न-भिन्न होती हैं।


1. मध्य प्रदेश की जलवायु का प्रकार

  • उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु (Tropical Monsoon Climate)
  • गर्मी के दौरान अत्यधिक गर्मी और सर्दी के दौरान ठंडक महसूस होती है।
  • मानसून की वर्षा राज्य की कृषि को प्रभावित करती है।

2. मध्य प्रदेश की प्रमुख ऋतुएँ (Seasons of Madhya Pradesh)

(1) ग्रीष्म ऋतु (Summer Season) – मार्च से जून

  • अवधि: मार्च से जून तक।
  • तापमान: 25°C से 47°C तक।
  • विशेषताएँ:
    • यह सबसे गर्म ऋतु होती है, विशेषकर ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी पड़ती है।
    • लू (गर्म हवाएँ) चलती हैं, जो जीवन के लिए हानिकारक होती हैं।
    • उच्चतम तापमान खजुराहो, ग्वालियर, रीवा, दतिया आदि क्षेत्रों में दर्ज किया जाता है।

(2) वर्षा ऋतु (Monsoon Season) – जून से सितंबर

  • अवधि: जून से सितंबर तक।
  • औसत वर्षा: 80 से 160 सेमी।
  • मुख्य वर्षा स्रोत: दक्षिण-पश्चिमी मानसून।
  • वर्षा वितरण:
    • सबसे अधिक वर्षा: जबलपुर, बालाघाट, होशंगाबाद, मंडला (120-160 सेमी)।
    • कम वर्षा: ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, रीवा, छतरपुर (50-80 सेमी)।
  • विशेषताएँ:
    • राज्य की अधिकांश नदियाँ इसी ऋतु में जल प्राप्त करती हैं।
    • बाढ़ और सूखे की स्थिति भी कभी-कभी उत्पन्न होती है।

(3) शीत ऋतु (Winter Season) – अक्टूबर से फरवरी

  • अवधि: अक्टूबर से फरवरी तक।
  • तापमान: 0°C से 25°C तक।
  • विशेषताएँ:
    • यह सबसे ठंडी ऋतु होती है, विशेषकर मालवा, विंध्य और सतपुड़ा क्षेत्रों में ठंड अधिक होती है।
    • राज्य में न्यूनतम तापमान ग्वालियर, नौगांव, दतिया, पचमढ़ी, उमरिया आदि स्थानों पर दर्ज किया जाता है।
    • कभी-कभी पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) के कारण ठंड और बढ़ जाती है।
    • पाला (Frost) गिरने की संभावना रहती है, जिससे रबी की फसलों को नुकसान हो सकता है।

3. मध्य प्रदेश में तापमान और वर्षा का क्षेत्रवार वितरण

तापमान:

  • गर्म स्थान: ग्वालियर, दतिया, रीवा, छतरपुर (ग्रीष्मकाल में 47°C तक)।
  • ठंडे स्थान: पचमढ़ी, उमरिया, बैतूल (शीतकाल में 0°C तक)।

वर्षा:

  • अधिक वर्षा क्षेत्र: जबलपुर, बालाघाट, होशंगाबाद, मांडला (120-160 सेमी)।
  • कम वर्षा क्षेत्र: ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड (50-80 सेमी)।

4. मध्य प्रदेश की जलवायु से जुड़े MPPSC परीक्षा के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

  1. मध्य प्रदेश की जलवायु किस प्रकार की है?
    • उत्तर: उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु
  2. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक गर्मी कहाँ पड़ती है?
    • उत्तर: ग्वालियर, रीवा, खजुराहो, दतिया
  3. मध्य प्रदेश में अधिकतम वर्षा कहाँ होती है?
    • उत्तर: बालाघाट, होशंगाबाद, मंडला (120-160 सेमी)
  4. मध्य प्रदेश में सबसे कम वर्षा कहाँ होती है?
    • उत्तर: ग्वालियर, छतरपुर, श्योपुर (50-80 सेमी)
  5. मध्य प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान कौन-सा है?
    • उत्तर: पचमढ़ी
  6. मध्य प्रदेश में औसत वार्षिक वर्षा कितनी होती है?
    • उत्तर: 80-160 सेमी
  7. ग्रीष्म ऋतु में लू (गर्म हवाएँ) चलने का प्रभाव सबसे ज्यादा कहाँ होता है?
    • उत्तर: बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र
  8. वर्षा का मुख्य स्रोत कौन-सा है?
    • उत्तर: दक्षिण-पश्चिम मानसून
  9. मध्य प्रदेश में पाला गिरने की संभावना किन महीनों में रहती है?
    • उत्तर: दिसंबर और जनवरी
  10. कौन-सा क्षेत्र सबसे अधिक ठंडा रहता है?
  • उत्तर: पचमढ़ी, उमरिया, बैतूल

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश की जलवायु विविधतापूर्ण है, जिसमें गर्मी, सर्दी और बारिश का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जाता है। मानसूनी वर्षा राज्य की कृषि को प्रभावित करती है, जबकि ठंडी और गर्म हवाएँ यहाँ के मौसम को नियंत्रित करती हैं। MPPSC परीक्षा में जलवायु संबंधी प्रश्न महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इसकी गहन जानकारी आवश्यक है।

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