मध्य प्रदेश का इतिहास

मध्य प्रदेश का विस्तृत इतिहास (प्राचीन काल से वर्तमान तक)

मध्य प्रदेश, जिसे भारत का “हृदय प्रदेश” कहा जाता है, का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। इसका भूगोल, सांस्कृतिक धरोहर, शासकों का योगदान, राज्य पुनर्गठन और वर्तमान स्वरूप अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का परिणाम है।


प्राचीन काल (महाजनपद युग से गुप्त साम्राज्य तक)

1. महाजनपद युग (600 ई.पू. – 300 ई.पू.)

  • अवंति महाजनपद: उज्जैन इस महाजनपद की राजधानी थी। यह क्षेत्र वाणिज्यिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था।
  • चेदि महाजनपद: इसका केंद्र बुंदेलखंड क्षेत्र में था। इसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है।
  • विदिशा और दशार्ण: विदिशा क्षेत्र व्यापारिक मार्गों पर स्थित था और यह अशोक की युवराज राजधानी थी।

2. मौर्य और शुंग साम्राज्य (321 ई.पू. – 200 ई.पू.)

  • मौर्य काल (321 ई.पू. – 185 ई.पू.)
    • सम्राट अशोक ने विदिशा में विवाह किया और यह क्षेत्र बौद्ध धर्म के प्रचार का केंद्र बना।
    • सांची में अशोक के प्रसिद्ध स्तूप का निर्माण हुआ।
    • उज्जैन मौर्य साम्राज्य का प्रमुख प्रशासनिक केंद्र बना।
  • शुंग वंश (185 ई.पू. – 73 ई.पू.)
    • पुष्यमित्र शुंग ने मौर्यों को हराकर शासन किया।
    • शुंगों ने विदिशा और सांची में अनेक बौद्ध तथा हिंदू मंदिरों का निर्माण किया।

3. गुप्त साम्राज्य और उसका प्रभाव (300 ई. – 550 ई.)

  • गुप्त वंश के दौरान उज्जैन विद्या, कला और खगोल विज्ञान का केंद्र बना।
  • चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल में कालिदास ने अपनी प्रसिद्ध कृतियों की रचना की।
  • इस काल में मध्य प्रदेश में अनेक मंदिरों और स्थापत्य कला का विकास हुआ।

मध्यकाल (600 ई. – 1700 ई.)

1. हर्षवर्धन और राजपूत वंश (600 ई. – 1200 ई.)

  • हर्षवर्धन (606-647 ई.) ने मध्य भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।
  • परमार वंश (9वीं-13वीं सदी) ने मालवा क्षेत्र में शासन किया, जिनके प्रसिद्ध शासक राजा भोज थे।
  • राजा भोज (1010-1055 ई.) ने धार को अपनी राजधानी बनाया और भोजशाला का निर्माण करवाया।
  • चंदेल वंश ने बुंदेलखंड क्षेत्र में खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण करवाया।
  • गोंड और कलचुरी वंशों ने भी इस क्षेत्र पर शासन किया।

2. दिल्ली सल्तनत और मुगल शासन (1200 ई. – 1700 ई.)

  • दिल्ली सल्तनत के खिलजी, तुगलक और लोधी शासकों ने मालवा और ग्वालियर पर शासन किया।
  • 15वीं शताब्दी में मालवा सल्तनत (गयासुद्दीन, महमूद खिलजी) अस्तित्व में आई।
  • 1562 में अकबर ने मालवा पर अधिकार कर लिया और इसे मुगल साम्राज्य का हिस्सा बना लिया।
  • औरंगजेब के शासनकाल के बाद मराठों ने इस क्षेत्र पर अपना प्रभाव बढ़ाया।

आधुनिक काल (1700 ई. – 1947 ई.)

1. मराठा और अंग्रेजों का संघर्ष (1700 ई. – 1857 ई.)

  • 18वीं शताब्दी में मराठों (होल्कर, सिंधिया, भोसले, पवार) का प्रभाव बढ़ा।
  • ग्वालियर में सिंधिया वंश, इंदौर में होल्कर वंश, धार में पवार वंश ने शासन किया।
  • 1818 की तीसरी एंग्लो-मराठा युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन स्थापित हुआ।
  • 1853 में नागपुर क्षेत्र ब्रिटिश शासन में मिला दिया गया।

2. 1857 का विद्रोह और स्वतंत्रता संग्राम

  • झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
  • तांत्या टोपे, वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी और नाना साहिब ने भी संघर्ष किया।
  • 1858 में विद्रोह दबा दिया गया और अंग्रेजों ने प्रशासन अपने हाथ में ले लिया।

ब्रिटिश काल और राज्य पुनर्गठन (1858 – 1956)

1. ब्रिटिश प्रशासन (1858 – 1947)

  • 1861 में “सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार” का गठन हुआ, जिसमें नागपुर, जबलपुर और छत्तीसगढ़ शामिल थे।
  • भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसी कई रियासतें ब्रिटिश संरक्षित राज्य बनीं।
  • 1920 में जबलपुर में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया।

2. स्वतंत्रता संग्राम और 1947 के बाद

  • 1947 में भारत आजाद हुआ, लेकिन मध्य प्रदेश में कई रियासतें थीं।
  • 1950 में “मध्य भारत”, “विंध्य प्रदेश”, “भोपाल राज्य” और “मध्य प्रांत” अलग-अलग प्रशासनिक इकाइयां थीं।

मध्य प्रदेश का गठन और पुनर्गठन (1956 – 2000)

1. मध्य प्रदेश का गठन (1956)

  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत:
    • मध्य भारत, विंध्य प्रदेश, भोपाल और मध्य प्रांत को मिलाकर “मध्य प्रदेश” बना।
    • भोपाल को राजधानी बनाया गया।
    • पंडित रविशंकर शुक्ल पहले मुख्यमंत्री बने।

2. छत्तीसगढ़ का अलग होना (2000)

  • 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना।
  • इससे पहले यह क्षेत्र मध्य प्रदेश के अंतर्गत आता था, लेकिन भाषा और सांस्कृतिक भिन्नताओं के कारण इसे अलग किया गया।

मध्य प्रदेश का वर्तमान स्वरूप

आज मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य (क्षेत्रफल में) है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहरों और वन्य जीव संरक्षण परियोजनाओं के लिए प्रसिद्ध है।

महत्वपूर्ण विशेषताएं:

  1. राष्ट्रीय उद्यान: कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, सतपुड़ा, संजय गांधी आदि।
  2. अभयारण्य: नौरादेही, करेरा, गांधी सागर, पचमढ़ी आदि।
  3. ऐतिहासिक स्थल: खजुराहो, भीमबेटका, सांची, ग्वालियर किला, मांडू।
  4. उद्योग और कृषि: गेंहू, सोयाबीन उत्पादन में अग्रणी।
  5. पर्यटन और संस्कृति: कुंभ मेला (उज्जैन), तानसेन संगीत समारोह (ग्वालियर)।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। प्राचीन महाजनपदों से लेकर आधुनिक प्रशासनिक पुनर्गठन तक, इस राज्य ने कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी बना है। भारतीय संस्कृति, कला, वास्तुकला और राजनीति में इस राज्य का विशेष स्थान है।

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