मध्यप्रदेश संगीत से जुडे कुछ विशेष नाम

मध्य प्रदेश के प्रमुख संगीतज्ञ, उनके वाद्ययंत्र/गायन शैली और स्थान

  1. तानसेन
    • स्थान: ग्वालियर
    • विशेषता: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक, ध्रुपद शैली के विशेषज्ञ
    • वाद्ययंत्र: रुद्रवीणा
  2. उस्ताद अलाउद्दीन खां
    • स्थान: मैहर, सतना
    • विशेषता: मैहर घराने के संस्थापक, कई प्रसिद्ध संगीतकारों के गुरु
    • वाद्ययंत्र: सरोद, सितार, वायलिन, शहनाई
  3. उस्ताद हाफिज अली खां
    • स्थान: ग्वालियर
    • विशेषता: प्रसिद्ध सरोद वादक, उस्ताद अमजद अली खां के पिता
    • वाद्ययंत्र: सरोद
  4. उस्ताद अमजद अली खां
    • स्थान: ग्वालियर
    • विशेषता: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सरोद वादक
    • वाद्ययंत्र: सरोद
  5. पं. कृष्णराव शंकर पंडित
    • स्थान: ग्वालियर
    • विशेषता: ग्वालियर घराने के ख्याल गायक
    • गायन शैली: ख्याल
  6. कुमार गंधर्व
    • स्थान: देवास
    • विशेषता: निर्गुणी भजन और ध्रुपद शैली के प्रसिद्ध गायक
    • गायन शैली: निर्गुण भजन, ख्याल, ध्रुपद
  7. उस्ताद अमीर खां
    • स्थान: इंदौर
    • विशेषता: इंदौर घराने के संस्थापक, विलंबित ख्याल गायकी के विशेषज्ञ
    • गायन शैली: ख्याल
  8. बालकृष्ण बुआ इचलकरंजीकर
    • स्थान: ग्वालियर
    • विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में योगदान
    • गायन शैली: ख्याल
  9. राजन और साजन मिश्रा
    • स्थान: मूल रूप से बनारस घराने के, लेकिन मध्य प्रदेश में लोकप्रिय
    • विशेषता: शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध युगल गायक
    • गायन शैली: ख्याल, ठुमरी
  10. उस्ताद राजा मियां
  • स्थान: भोपाल
  • विशेषता: भोपाल घराने के प्रमुख शास्त्रीय गायक
  • गायन शैली: ठुमरी, दादरा

मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख संगीतज्ञ और उनकी विशेषताएँ

  1. राजा भैय्या पूनावाले
  • स्थान: इंदौर
  • विशेषता: इंदौर घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक
  • गायन शैली: ख्याल
  1. पं. लक्ष्मणराव पंडित
  • स्थान: ग्वालियर
  • विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल और ध्रुपद गायकी में निपुण
  • गायन शैली: ख्याल, ध्रुपद
  1. उस्ताद इस्माइल खां
  • स्थान: भोपाल
  • विशेषता: भोपाल घराने के प्रमुख संगीतज्ञ
  • गायन शैली: ठुमरी, दादरा
  1. सिद्धेश्वरी देवी
  • स्थान: रीवा
  • विशेषता: प्रसिद्ध ठुमरी गायिका, बनारस घराने से जुड़ी लेकिन मध्य प्रदेश में भी प्रसिद्ध
  • गायन शैली: ठुमरी, दादरा, कजरी
  1. उस्ताद चांद खां
  • स्थान: ग्वालियर
  • विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक
  • गायन शैली: ख्याल, ध्रुपद
  1. रहमत खान
  • स्थान: देवास
  • विशेषता: प्रसिद्ध सितार वादक
  • वाद्ययंत्र: सितार
  1. पं. गणपत राव देवासकर
  • स्थान: देवास
  • विशेषता: देवास घराने के प्रमुख गायक, ख्याल संगीत में निपुण
  • गायन शैली: ख्याल
  1. श्रीनिवास जोशी
  • स्थान: उज्जैन
  • विशेषता: भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक, किराना घराने से जुड़े
  • गायन शैली: ख्याल
  1. पं. नारायणराव व्यास
  • स्थान: ग्वालियर
  • विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल संगीत में निपुण
  • गायन शैली: ख्याल
  1. उस्ताद शुजात खान
  • स्थान: ग्वालियर
  • विशेषता: प्रसिद्ध सितार वादक, इमदादखानी घराने से जुड़े
  • वाद्ययंत्र: सितार

मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख संगीतज्ञ और उनका योगदान

  • राजाबाई पोद्दार (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने की प्रसिद्ध गायिका, ध्रुपद और ख्याल गायन में निपुण।
  • पं. उमादत्त शर्मा (इंदौर) – इंदौर घराने के शास्त्रीय गायक, ख्याल गायन में प्रसिद्ध।
  • रामाश्रय झा (रीवा) – हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विद्वान, कई रागों की रचना की।
  • गोविंद नारायण सिंह (सागर) – लोक संगीत और ध्रुपद शैली में योगदान दिया।
  • बालमुकुंद तिवारी (छतरपुर) – बुंदेली लोक संगीत के प्रमुख गायक और रचनाकार।
  • मदनमोहन मालवीय (उज्जैन) – ठुमरी और दादरा गायन में प्रसिद्ध।
  • रतन लाल मिश्रा (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रमुख संगीतज्ञ, ठुमरी और ख्याल में विशेष योगदान।
  • जयदेव शर्मा (खंडवा) – संतूर वादन में विशेष योगदान, शास्त्रीय संगीत के प्रचार में अग्रणी
  • गणेशलाल बिस्सा (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल और ध्रुपद में निपुण।
  • विनायकराव पटवर्धन (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने के प्रमुख संगीतज्ञ, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में बड़ा योगदान।
  • गुलाम रसूल खान (भोपाल) – भोपाल घराने के उस्ताद, ठुमरी और दादरा में प्रसिद्ध।
  • बालेश्वर शर्मा (इंदौर) – ख्याल और ठुमरी गायन में निपुण, इंदौर घराने से जुड़े।
  • रामचंद्र चतुर्वेदी (रीवा) – लोक संगीत और निर्गुण भजन में विशेषज्ञता।
  • शंकरलाल मिश्रा (उज्जैन) – शास्त्रीय गायन के विद्वान, कई शिष्यों को प्रशिक्षित किया।
  • पं. सुरेश भट्ट (जबलपुर) – ध्रुपद और धमार गायन में विशेष योगदान दिया।
  • हसन खां (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रसिद्ध गायक, गजल और ठुमरी में माहिर।
  • कृष्णदत्त दीक्षित (सागर) – बुंदेली लोक संगीत के प्रमुख प्रचारक और गायक।
  • पं. हरिराम जोशी (छतरपुर) – ध्रुपद और धमार गायकी में निपुण, लोक संगीत से भी जुड़े।
  • शकुंतला बाई (ग्वालियर) – महिला शास्त्रीय गायक, ग्वालियर घराने की प्रमुख कलाकार।
  • रईस खां (भोपाल) – सरोद वादन में निपुण, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन किया।
  • प्रभाकरराव जोशी (देवास) – ख्याल और टप्पा गायन में विशेषज्ञ।
  • लक्ष्मणदास बैरागी (खंडवा) – निर्गुण भजन और लोक संगीत में विशेष योगदान।
  • संपूर्णानंद पाठक (सतना) – ध्रुपद, धमार और लोक संगीत में निपुण।
  • इम्तियाज अली (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रसिद्ध सारंगी वादक।
  • ध्रुवनारायण शर्मा (ग्वालियर) – सितार वादन में निपुण, कई राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुति दी।
  • रुक्मिणी देवी (जबलपुर) – शास्त्रीय और लोक गायन में निपुण, लोक धुनों का संकलन किया।
  • महेंद्रनाथ पांडेय (रीवा) – ध्रुपद और धमार में विशेष योगदान।
  • श्रीराम तिवारी (सागर) – बुंदेली और बघेली लोकगीतों के प्रचारक।
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