Skip to content
मध्य प्रदेश के प्रमुख संगीतज्ञ, उनके वाद्ययंत्र/गायन शैली और स्थान
- तानसेन
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक, ध्रुपद शैली के विशेषज्ञ
- वाद्ययंत्र: रुद्रवीणा
- उस्ताद अलाउद्दीन खां
- स्थान: मैहर, सतना
- विशेषता: मैहर घराने के संस्थापक, कई प्रसिद्ध संगीतकारों के गुरु
- वाद्ययंत्र: सरोद, सितार, वायलिन, शहनाई
- उस्ताद हाफिज अली खां
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: प्रसिद्ध सरोद वादक, उस्ताद अमजद अली खां के पिता
- वाद्ययंत्र: सरोद
- उस्ताद अमजद अली खां
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सरोद वादक
- वाद्ययंत्र: सरोद
- पं. कृष्णराव शंकर पंडित
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: ग्वालियर घराने के ख्याल गायक
- गायन शैली: ख्याल
- कुमार गंधर्व
- स्थान: देवास
- विशेषता: निर्गुणी भजन और ध्रुपद शैली के प्रसिद्ध गायक
- गायन शैली: निर्गुण भजन, ख्याल, ध्रुपद
- उस्ताद अमीर खां
- स्थान: इंदौर
- विशेषता: इंदौर घराने के संस्थापक, विलंबित ख्याल गायकी के विशेषज्ञ
- गायन शैली: ख्याल
- बालकृष्ण बुआ इचलकरंजीकर
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में योगदान
- गायन शैली: ख्याल
- राजन और साजन मिश्रा
- स्थान: मूल रूप से बनारस घराने के, लेकिन मध्य प्रदेश में लोकप्रिय
- विशेषता: शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध युगल गायक
- गायन शैली: ख्याल, ठुमरी
- उस्ताद राजा मियां
- स्थान: भोपाल
- विशेषता: भोपाल घराने के प्रमुख शास्त्रीय गायक
- गायन शैली: ठुमरी, दादरा
मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख संगीतज्ञ और उनकी विशेषताएँ
- राजा भैय्या पूनावाले
- स्थान: इंदौर
- विशेषता: इंदौर घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक
- गायन शैली: ख्याल
- पं. लक्ष्मणराव पंडित
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल और ध्रुपद गायकी में निपुण
- गायन शैली: ख्याल, ध्रुपद
- उस्ताद इस्माइल खां
- स्थान: भोपाल
- विशेषता: भोपाल घराने के प्रमुख संगीतज्ञ
- गायन शैली: ठुमरी, दादरा
- सिद्धेश्वरी देवी
- स्थान: रीवा
- विशेषता: प्रसिद्ध ठुमरी गायिका, बनारस घराने से जुड़ी लेकिन मध्य प्रदेश में भी प्रसिद्ध
- गायन शैली: ठुमरी, दादरा, कजरी
- उस्ताद चांद खां
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक
- गायन शैली: ख्याल, ध्रुपद
- रहमत खान
- स्थान: देवास
- विशेषता: प्रसिद्ध सितार वादक
- वाद्ययंत्र: सितार
- पं. गणपत राव देवासकर
- स्थान: देवास
- विशेषता: देवास घराने के प्रमुख गायक, ख्याल संगीत में निपुण
- गायन शैली: ख्याल
- श्रीनिवास जोशी
- स्थान: उज्जैन
- विशेषता: भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक, किराना घराने से जुड़े
- गायन शैली: ख्याल
- पं. नारायणराव व्यास
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल संगीत में निपुण
- गायन शैली: ख्याल
- उस्ताद शुजात खान
- स्थान: ग्वालियर
- विशेषता: प्रसिद्ध सितार वादक, इमदादखानी घराने से जुड़े
- वाद्ययंत्र: सितार
मध्य प्रदेश के अन्य प्रमुख संगीतज्ञ और उनका योगदान
- राजाबाई पोद्दार (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने की प्रसिद्ध गायिका, ध्रुपद और ख्याल गायन में निपुण।
- पं. उमादत्त शर्मा (इंदौर) – इंदौर घराने के शास्त्रीय गायक, ख्याल गायन में प्रसिद्ध।
- रामाश्रय झा (रीवा) – हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के विद्वान, कई रागों की रचना की।
- गोविंद नारायण सिंह (सागर) – लोक संगीत और ध्रुपद शैली में योगदान दिया।
- बालमुकुंद तिवारी (छतरपुर) – बुंदेली लोक संगीत के प्रमुख गायक और रचनाकार।
- मदनमोहन मालवीय (उज्जैन) – ठुमरी और दादरा गायन में प्रसिद्ध।
- रतन लाल मिश्रा (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रमुख संगीतज्ञ, ठुमरी और ख्याल में विशेष योगदान।
- जयदेव शर्मा (खंडवा) – संतूर वादन में विशेष योगदान, शास्त्रीय संगीत के प्रचार में अग्रणी
- गणेशलाल बिस्सा (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध गायक, ख्याल और ध्रुपद में निपुण।
- विनायकराव पटवर्धन (ग्वालियर) – ग्वालियर घराने के प्रमुख संगीतज्ञ, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में बड़ा योगदान।
- गुलाम रसूल खान (भोपाल) – भोपाल घराने के उस्ताद, ठुमरी और दादरा में प्रसिद्ध।
- बालेश्वर शर्मा (इंदौर) – ख्याल और ठुमरी गायन में निपुण, इंदौर घराने से जुड़े।
- रामचंद्र चतुर्वेदी (रीवा) – लोक संगीत और निर्गुण भजन में विशेषज्ञता।
- शंकरलाल मिश्रा (उज्जैन) – शास्त्रीय गायन के विद्वान, कई शिष्यों को प्रशिक्षित किया।
- पं. सुरेश भट्ट (जबलपुर) – ध्रुपद और धमार गायन में विशेष योगदान दिया।
- हसन खां (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रसिद्ध गायक, गजल और ठुमरी में माहिर।
- कृष्णदत्त दीक्षित (सागर) – बुंदेली लोक संगीत के प्रमुख प्रचारक और गायक।
- पं. हरिराम जोशी (छतरपुर) – ध्रुपद और धमार गायकी में निपुण, लोक संगीत से भी जुड़े।
- शकुंतला बाई (ग्वालियर) – महिला शास्त्रीय गायक, ग्वालियर घराने की प्रमुख कलाकार।
- रईस खां (भोपाल) – सरोद वादन में निपुण, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन किया।
- प्रभाकरराव जोशी (देवास) – ख्याल और टप्पा गायन में विशेषज्ञ।
- लक्ष्मणदास बैरागी (खंडवा) – निर्गुण भजन और लोक संगीत में विशेष योगदान।
- संपूर्णानंद पाठक (सतना) – ध्रुपद, धमार और लोक संगीत में निपुण।
- इम्तियाज अली (भोपाल) – भोपाल घराने के प्रसिद्ध सारंगी वादक।
- ध्रुवनारायण शर्मा (ग्वालियर) – सितार वादन में निपुण, कई राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुति दी।
- रुक्मिणी देवी (जबलपुर) – शास्त्रीय और लोक गायन में निपुण, लोक धुनों का संकलन किया।
- महेंद्रनाथ पांडेय (रीवा) – ध्रुपद और धमार में विशेष योगदान।
- श्रीराम तिवारी (सागर) – बुंदेली और बघेली लोकगीतों के प्रचारक।