मध्य प्रदेश के सभी प्रतीक चिन्ह (State Symbols of Madhya Pradesh) की संपूर्ण जानकारी
मध्य प्रदेश के कुल 9 आधिकारिक प्रतीक चिन्ह हैं, जिन्हें राज्य की संस्कृति, इतिहास, पर्यावरण और जैव विविधता को दर्शाने के लिए चुना गया है। इनमें राज्य प्रतीक (Emblem) के साथ-साथ पशु, पक्षी, वृक्ष, फूल आदि शामिल हैं। नीचे प्रत्येक प्रतीक चिन्ह के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है:
1. मध्य प्रदेश का राजचिह्न (State Emblem of Madhya Pradesh)
प्रतीक: मध्य प्रदेश का आधिकारिक राजचिह्न एक गोलाकार मुहर की तरह होता है, जिसमें राज्य की ऐतिहासिक विरासत और प्रशासनिक शक्ति का प्रतीक समाहित है।
डिजाइन:
- इसमें सांची स्तूप की आकृति है, जो राज्य की बौद्ध विरासत को दर्शाती है।
- मध्य में अशोक स्तंभ के सिंह हैं, जो भारत की राष्ट्रीय शक्ति और प्रशासनिक मजबूती को दर्शाते हैं।
- चारों ओर धान की बालियाँ और सप्तऋषि तारे (सात तारे) हैं, जो राज्य की कृषि समृद्धि और ज्ञान परंपरा का प्रतीक हैं।
- लाल और पीले रंग का संयोजन ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि को दर्शाता है।
क्यों चुना गया?
- सांची स्तूप राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है।
- अशोक स्तंभ राष्ट्रीय गौरव और प्रशासनिक शक्ति का प्रतीक है।
- धान की बालियाँ राज्य की कृषि प्रधानता को दर्शाती हैं।
2. राज्य पशु (State Animal): बारहसिंगा
वैज्ञानिक नाम: Rucervus duvaucelii
चयन वर्ष: 1981
क्यों चुना गया?
- बारहसिंगा मध्य प्रदेश की कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली एक दुर्लभ और लुप्तप्राय हिरण की प्रजाति है।
- यह राज्य की जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों का प्रतीक है।
- इसकी विशेष पहचान इसकी सींगों की शाखाएं हैं, जो इसे अन्य हिरणों से अलग बनाती हैं।
3. राज्य पक्षी (State Bird): दूधराज (Asian Paradise Flycatcher)
वैज्ञानिक नाम: Terpsiphone paradisi
चयन वर्ष: 1981
क्यों चुना गया?
- दूधराज अपनी लंबी, सफेद पूंछ और आकर्षक काले सिर के कारण बहुत सुंदर दिखाई देता है।
- यह पक्षी मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- यह राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य और पारिस्थितिकी संतुलन का प्रतीक है।
4. राज्य वृक्ष (State Tree): साल (Sal Tree)
वैज्ञानिक नाम: Shorea robusta
चयन वर्ष: 1981
क्यों चुना गया?
- साल वृक्ष मध्य प्रदेश के जंगलों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है और यह वन अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- इसकी लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है, जिसे निर्माण कार्यों में उपयोग किया जाता है।
- यह आदिवासी समुदायों की जीवनशैली से गहराई से जुड़ा हुआ है।
5. राज्य फूल (State Flower): सफेद लिली (White Lily)
वैज्ञानिक नाम: Nymphaea alba
चयन वर्ष: 2011
क्यों चुना गया?
- सफेद लिली को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
- यह मध्य प्रदेश के जल निकायों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाता है।
6. राज्य नदी (State River): नर्मदा नदी
चयन वर्ष: 2011
क्यों चुना गया?
- नर्मदा मध्य प्रदेश की जीवनरेखा है और इसे ‘मध्य प्रदेश की गंगा’ भी कहा जाता है।
- यह राज्य की सबसे लंबी और पवित्र नदी है, जिसका धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व है।
- इसके तटों पर कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जैसे अमरकंटक और महेश्वर।
7. राज्य पर्वत (State Mountain): धूपगढ़
स्थान: सतपुड़ा पर्वत श्रेणी, पचमढ़ी
ऊँचाई: 1,352 मीटर
क्यों चुना गया?
- यह मध्य प्रदेश का सबसे ऊँचा स्थान है और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।
- यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं।
- यह सतपुड़ा जैवमंडल क्षेत्र में स्थित है, जो जैव विविधता से समृद्ध है।
8. राज्य खेल (State Sport): मल्लखंब
चयन वर्ष: 2013
क्यों चुना गया?
- मल्लखंब एक पारंपरिक भारतीय खेल है, जिसमें खिलाड़ी लकड़ी के खंभे या रस्सी पर विभिन्न मुद्राएँ करते हैं।
- यह खेल शारीरिक संतुलन, लचीलापन और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
- मध्य प्रदेश ने इस खेल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
9. राज्य खाद्य (State Food): पोहा और जलेबी
घोषित: 2022
क्यों चुना गया?
- पोहा और जलेबी मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध नाश्ते में शामिल हैं।
- यह व्यंजन विशेष रूप से इंदौर और मालवा क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है।
- यह राज्य की खान-पान की समृद्ध परंपरा को दर्शाता है।
मध्य प्रदेश के कुल 9 राज्य प्रतीक चिन्ह हैं, जो राज्य की संस्कृति, इतिहास, पर्यावरण और जीवनशैली को दर्शाते हैं। इन प्रतीकों का चयन राज्य की विशेषताओं, जैव विविधता और पारंपरिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
- राजचिह्न (State Emblem) – मध्य प्रदेश का राजचिह्न आधिकारिक रूप से अपनाया गया था, जिसमें सांची स्तूप, अशोक स्तंभ, धान की बालियाँ और सप्तऋषि तारे शामिल हैं। यह राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। इसके आधिकारिक चयन का सटीक वर्ष उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे राज्य की स्थापना के बाद अपनाया गया।
- राज्य पशु (बारहसिंगा) – इसे वर्ष 1981 में मध्य प्रदेश का राज्य पशु घोषित किया गया। इसका चयन इसलिए किया गया क्योंकि यह राज्य के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में विशेष रूप से पाया जाता है और इसकी दुर्लभता इसे जैव विविधता संरक्षण का प्रतीक बनाती है।
- राज्य पक्षी (दूधराज) – वर्ष 1981 में इसे मध्य प्रदेश का राज्य पक्षी घोषित किया गया। यह पक्षी अपनी सुंदरता, लंबी सफेद पूंछ और राज्य के वनों में प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण चुना गया।
- राज्य वृक्ष (साल वृक्ष) – साल वृक्ष को 1981 में मध्य प्रदेश का राज्य वृक्ष घोषित किया गया। यह वृक्ष राज्य के वनों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है और इसकी लकड़ी मजबूत होने के कारण आदिवासी समुदायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- राज्य फूल (सफेद लिली) – वर्ष 2011 में इसे राज्य का प्रतीक फूल घोषित किया गया। यह जल स्रोतों में पाया जाता है और इसे शुद्धता व प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक माना जाता है।
- राज्य नदी (नर्मदा नदी) – वर्ष 2011 में नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की राज्य नदी घोषित किया गया। यह राज्य की सबसे लंबी और पवित्र नदी है, जिसका धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व है।
- राज्य पर्वत (धूपगढ़) – धूपगढ़ को मध्य प्रदेश के सर्वोच्च पर्वत के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन इसके आधिकारिक रूप से राज्य पर्वत घोषित होने का कोई सटीक वर्ष नहीं है। यह सतपुड़ा पर्वतमाला में स्थित है और अपनी ऊँचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
- राज्य खेल (मल्लखंब) – वर्ष 2013 में मल्लखंब को मध्य प्रदेश का राज्य खेल घोषित किया गया। यह एक पारंपरिक भारतीय खेल है, जिसमें शरीर का लचीलापन, संतुलन और मानसिक एकाग्रता विकसित होती है।
- राज्य खाद्य (पोहा और जलेबी) – इसे वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश का राज्य खाद्य घोषित किया गया। पोहा और जलेबी राज्य के सबसे लोकप्रिय नाश्तों में से एक हैं, विशेष रूप से इंदौर और मालवा क्षेत्र में।
इस प्रकार, मध्य प्रदेश के 9 प्रतीक चिह्न हैं, जिनका चयन राज्य की विशेषताओं, जैव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग समय पर किया गया।