भूमि और मृदा प्रदूषण

भूमि एवं मृदा प्रदूषण – MPPSC परीक्षा के लिए विस्तृत जानकारी

भूमि एवं मृदा प्रदूषण क्या है?

जब भूमि या मिट्टी में हानिकारक रसायन, भारी धातुएँ, प्लास्टिक, औद्योगिक कचरा, कीटनाशक या अन्य प्रदूषक अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो यह भूमि एवं मृदा प्रदूषण कहलाता है। यह मिट्टी की उर्वरता को कम करता है, जल स्रोतों को दूषित करता है और मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।


भूमि एवं मृदा प्रदूषण के प्रमुख कारण

1. औद्योगिक कचरा और रासायनिक उत्सर्जन

  • कारखानों और खदानों से निकलने वाले भारी धातु (लेड, पारा, कैडमियम) मिट्टी को विषैला बना देते हैं।
  • प्लास्टिक और ई-कचरा मिट्टी में जाकर जैविक संतुलन को बिगाड़ते हैं।

2. कृषि में अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग

  • DDT और अन्य कीटनाशक मिट्टी में वर्षों तक मौजूद रहते हैं और जल स्रोतों को भी दूषित करते हैं।
  • अत्यधिक उर्वरकों से मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता खत्म हो जाती है।

3. नगरों और गाँवों का ठोस कचरा

  • प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक कचरा, अनुपयोगी धातुएँ, बैटरियाँ और घरेलू रासायनिक कचरा मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।

4. भूगर्भीय तेल रिसाव

  • पेट्रोलियम उद्योगों से तेल और अन्य रासायनिक पदार्थ भूमि में रिसकर भूजल और मिट्टी को दूषित करते हैं।

5. खनन गतिविधियाँ

  • कोयला, बॉक्साइट, लौह अयस्क और अन्य खनिजों की खुदाई से भारी धातुएँ मिट्टी में घुलकर उसे बंजर बना देती हैं।

6. अवैज्ञानिक कूड़ा-करकट निपटान

  • खुले में कचरा फेंकने और बिना ट्रीटमेंट के कूड़े के ढेर से मिट्टी प्रदूषित होती है।

7. जैविक और चिकित्सा कचरा

  • अस्पतालों और शोध संस्थानों से निकलने वाला बायोमेडिकल वेस्ट मिट्टी और भूजल को नुकसान पहुँचाता है।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण से जुड़ी प्रमुख घटनाएँ

1. भोपाल गैस त्रासदी (1984, भारत)

  • यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ, जिससे हजारों लोगों की मौत हुई।
  • रिसी हुई गैस और जहरीले रसायनों ने भूमि और भूजल को प्रदूषित कर दिया।

2. लव कैनाल आपदा (1978, अमेरिका)

  • अमेरिका में औद्योगिक कचरे से भरा एक क्षेत्र (Love Canal) जहरीले रसायनों के रिसाव के कारण रहने योग्य नहीं रह गया।

3. चीन में कैडमियम प्रदूषण संकट (2013)

  • औद्योगिक कचरे के कारण चीन की यांग्त्ज़े नदी के आसपास की मिट्टी में भारी मात्रा में कैडमियम पाया गया, जिससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित हुई।

4. चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना (1986, यूक्रेन)

  • परमाणु ऊर्जा संयंत्र में विस्फोट के कारण रेडियोधर्मी तत्वों ने बड़े भूभाग को प्रदूषित कर दिया, जो आज भी उपयोग के योग्य नहीं है।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण से होने वाली बीमारियाँ

  1. कैंसर: भारी धातुओं और रेडियोधर्मी कणों के कारण।
  2. त्वचा रोग: जहरीले रसायनों के संपर्क में आने से।
  3. न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ: सीसा और पारा विषाक्तता से।
  4. फ्लोरोसिस: मिट्टी में अधिक फ्लोराइड होने से हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं।
  5. हृदय रोग: कैडमियम और आर्सेनिक जैसे तत्व रक्त संचार को प्रभावित करते हैं।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय

  1. जैविक कृषि को बढ़ावा दें: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की बजाय जैविक खाद और हरी खाद का प्रयोग करें।
  2. पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण (Recycling): प्लास्टिक, धातु और अन्य कचरे को रीसायकल करें।
  3. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट: कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर वैज्ञानिक तरीके से निपटान करें।
  4. खनन और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन: खनन और औद्योगिक अपशिष्टों को उचित तरीके से नष्ट किया जाए।
  5. सतत भूमि उपयोग (Sustainable Land Use): अत्यधिक वनों की कटाई को रोका जाए और वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए।
  6. बायोरेमेडिएशन तकनीक: बैक्टीरिया और पौधों की मदद से मिट्टी को शुद्ध करने की प्रक्रिया।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण से जुड़े रोचक तथ्य

  1. दुनिया की सबसे अधिक प्रदूषित मिट्टी चीन और भारत में पाई जाती है।
  2. प्रति वर्ष 1.3 अरब टन प्लास्टिक कचरा भूमि को दूषित करता है
  3. 2050 तक प्लास्टिक कचरे की मात्रा दोगुनी हो सकती है।
  4. अकेले अमेरिका में हर साल 30 लाख टन ई-कचरा उत्पन्न होता है
  5. प्लास्टिक अपशिष्ट 450 से 1000 वर्षों तक मिट्टी में बना रह सकता है
  6. भारत में हर साल 63 मिलियन टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से केवल 70% का उचित निपटान किया जाता है।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण से संबंधित सरकारी योजनाएँ

  1. स्वच्छ भारत मिशन (2014): ठोस और जैविक कचरा प्रबंधन पर ध्यान देने के लिए।
  2. राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन: जैविक खेती को बढ़ावा देने और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए।
  3. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT, 2010): पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों को देखने के लिए।
  4. गंगा कार्य योजना: गंगा नदी और उसकी भूमि के आसपास के प्रदूषण को कम करने के लिए।
  5. कचरा प्रबंधन अधिनियम (2016): ठोस कचरा प्रबंधन और औद्योगिक कचरे के लिए सख्त नियम।

भूमि एवं मृदा प्रदूषण से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न (MPPSC के लिए उपयोगी)

  1. मृदा प्रदूषण के प्रमुख कारण क्या हैं?
  2. मिनामाटा रोग का संबंध किस प्रकार के प्रदूषण से है?
  3. भारत में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए कौन-कौन से नियम लागू किए गए हैं?
  4. बायोरेमेडिएशन तकनीक क्या है?
  5. प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कौन-कौन सी नीतियाँ लागू की गई हैं?
  6. रेडियोधर्मी प्रदूषण के प्रमुख उदाहरण क्या हैं?
  7. भारत में भूमि प्रदूषण को रोकने के लिए कौन-कौन सी सरकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं?
  8. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए कौन-कौन से जैविक तरीके अपनाए जा सकते हैं?

यह जानकारी MPPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आपकी मदद करेगी!

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