भारत के राष्ट्रपतियों की कहानी: लोकतंत्र के पहरेदार
भारत की स्वतंत्रता के बाद से अब तक कई राष्ट्रपतियों ने देश का नेतृत्व किया है। हर राष्ट्रपति का सफर अलग था—किसी ने राजनीति से, किसी ने विज्ञान से, तो किसी ने न्यायपालिका से होते हुए राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया। यह कहानी उन नेताओं की है, जिन्होंने संविधान की रक्षा की, देश को नई दिशा दी और अपने कार्यकाल में कुछ ऐसा किया जिससे वे हमेशा याद रखे जाएंगे।
1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1950-1962) – पहले राष्ट्रपति, जिन्होंने मिसाल कायम की
कैसे राष्ट्रपति बने: स्वतंत्रता संग्राम में गांधीजी के साथ काम करने वाले डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे। जब भारत गणतंत्र बना, तो वे निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए।
विशेष बातें: वे एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जो दो बार इस पद पर रहे। बेहद सरल जीवन जीने वाले प्रसाद जी को “देशरत्न” कहा जाता है।
2. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1962-1967) – विद्वान राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: वे महान शिक्षाविद् और दार्शनिक थे। पहले उपराष्ट्रपति रहे और फिर राष्ट्रपति बने।
विशेष बातें: उनके जन्मदिन (5 सितंबर) को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
3. डॉ. ज़ाकिर हुसैन (1967-1969) – पहले मुस्लिम राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुसैन जी पहले उपराष्ट्रपति बने और फिर राष्ट्रपति चुने गए।
विशेष बातें: वे पहले राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल के दौरान निधन हो गया।
4. वी. वी. गिरि (1969-1974) – पहले निर्वाचित स्वतंत्र उम्मीदवार
कैसे राष्ट्रपति बने: इंदिरा गांधी ने उनका समर्थन किया, लेकिन वे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते।
विशेष बातें: उन्होंने “काम ही पूजा है” का नारा दिया।
5. फखरुद्दीन अली अहमद (1974-1977) – आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: वे इंदिरा गांधी के करीबी थे और कांग्रेस के समर्थन से राष्ट्रपति बने।
विशेष बातें: उन्होंने ही 1975 में इमरजेंसी (आपातकाल) पर हस्ताक्षर किए।
6. नीलम संजीव रेड्डी (1977-1982) – निर्विरोध चुने जाने वाले पहले राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: जनता पार्टी के समर्थन से वे निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए।
विशेष बातें: वे सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति थे और दो बार लोकसभा अध्यक्ष भी रहे।
7. ज्ञानी जैल सिंह (1982-1987) – राष्ट्रपति, जिनका प्रधानमंत्री से टकराव हुआ
कैसे राष्ट्रपति बने: इंदिरा गांधी के करीबी थे, इसलिए कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति बनाया।
विशेष बातें: उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान राष्ट्रपति रहते हुए सरकार से असहमति जताई थी।
8. आर. वेंकटरमण (1987-1992) – अनुभवी प्रशासक
कैसे राष्ट्रपति बने: वे पहले वित्त मंत्री और फिर रक्षा मंत्री रहे, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्रपति बनाया।
विशेष बातें: उन्होंने कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर भारत का नेतृत्व किया।
9. डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1992-1997) – सख्त अनुशासनप्रिय राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: वे पहले उपराष्ट्रपति थे और फिर राष्ट्रपति चुने गए।
विशेष बातें: वे भारतीय संस्कृति और कानून के अच्छे जानकार थे।
10. के. आर. नारायणन (1997-2002) – पहले दलित राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: दलित समुदाय से आने वाले नारायणन जी उपराष्ट्रपति बनने के बाद राष्ट्रपति बने।
विशेष बातें: वे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने मतदान किया और दलितों के अधिकारों की खुलकर बात की।
11. डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (2002-2007) – ‘मिसाइल मैन’ राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: वे वैज्ञानिक थे और देश के युवाओं के प्रेरणास्रोत थे। एनडीए ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया।
विशेष बातें: वे पहले वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे और “जनता के राष्ट्रपति” के रूप में प्रसिद्ध हुए।
12. प्रतिभा पाटिल (2007-2012) – पहली महिला राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बनीं: कांग्रेस ने उन्हें महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए चुना।
विशेष बातें: वे भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
13. प्रणब मुखर्जी (2012-2017) – अनुभवी राजनेता
कैसे राष्ट्रपति बने: लंबे समय तक कांग्रेस सरकार में मंत्री रहने के बाद वे राष्ट्रपति बने।
विशेष बातें: उन्होंने कई संवैधानिक फैसलों में अपनी स्वतंत्रता दिखाई।
14. राम नाथ कोविंद (2017-2022) – दूसरे दलित राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बने: बीजेपी ने दलित समाज को प्रतिनिधित्व देने के लिए उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया।
विशेष बातें: उन्होंने गांवों और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएँ पहुँचाने पर जोर दिया।
15. द्रौपदी मुर्मू (2022-वर्तमान) – पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति
कैसे राष्ट्रपति बनीं: वे झारखंड की राज्यपाल रह चुकी थीं, और आदिवासी समुदाय की पहली राष्ट्रपति बनीं।
विशेष बातें: वे देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं और उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा है।
समाप्ति: राष्ट्रपति भवन के पहरेदार
भारत के राष्ट्रपति सिर्फ संवैधानिक प्रमुख नहीं होते, बल्कि वे लोकतंत्र के पहरेदार भी होते हैं। हर राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में कुछ न कुछ ऐसा किया, जिससे भारत का संविधान मजबूत हुआ। चाहे वो राजेंद्र प्रसाद की सादगी हो, अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक दृष्टिकोण हो, या द्रौपदी मुर्मू की संघर्षगाथा—हर राष्ट्रपति ने भारतीय लोकतंत्र को नई ऊँचाई दी है।
भारत के राष्ट्रपतियों के नाम याद करने के लिए आप एक मेमोरी ट्रिक (Mnemonic) का उपयोग कर सकते हैं। नीचे एक सरल और मजेदार ट्रिक दी गई है:
ट्रिक:
“राजा कृष्ण ज़रा गिरते फख्र से, नयन ज्ञानी वे शंकर के मुंह में राम बगल में (छोरी) द्रोपदी”
इस ट्रिक में हर शब्द का पहला अक्षर एक राष्ट्रपति के नाम से मेल खाता है:
- राजा – राजेंद्र प्रसाद
- कृष्ण – राधाकृष्णन (डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन)
- ज़रा – ज़ाकिर हुसैन
- गिरते – गिरि (वी. वी. गिरि)
- फख्र – फखरुद्दीन अली अहमद
- से – संजीव (नीलम संजीव रेड्डी)
- नयन – नारायणन (के. आर. नारायणन)
- ज्ञानी – ज्ञानी जैल सिंह
- वे – वेंकटरमण (आर. वेंकटरमण)
- शंकर – शंकर दयाल शर्मा
- के – कलाम (डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)
- मुख– प्रणब मुखर्जी
- राम – रामनाथ कोविंद
- द्रोपदी – द्रौपदी मुर्मू
कैसे उपयोग करें?
- इस ट्रिक को बार-बार दोहराएँ।
- इसे एक गीत की तरह बोलें या किसी दोस्त के साथ दोहराएँ।
इस ट्रिक से आप मजेदार तरीके से भारत के राष्ट्रपतियों के नाम याद रख सकते हैं!