भारत के उपग्रह

भारत द्वारा प्रक्षेपित विशेष उपग्रह और उनकी जानकारी

1. आर्यभट्ट (Aryabhata) – 1975

  • कब भेजा गया? 19 अप्रैल 1975
  • कैसे भेजा गया? सोवियत संघ के कॉसमॉस-3M रॉकेट से
  • कहां से भेजा गया? बैकोनूर कॉस्मोड्रोम, सोवियत संघ
  • क्यों भेजा गया? वैज्ञानिक प्रयोगों और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत का पहला उपग्रह
    • इसका नाम महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया

2. रोहिणी (Rohini) श्रृंखला – 1980-1994

  • कब भेजा गया? पहला उपग्रह RS-1 18 जुलाई 1980 को
  • कैसे भेजा गया? SLV-3 रॉकेट से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? पृथ्वी अवलोकन और मौसम संबंधी अध्ययन के लिए
  • विशेष बातें:
    • RS-1 भारत का पहला स्वदेशी रूप से लॉन्च किया गया उपग्रह था

3. इनसैट-1A (INSAT-1A) – 1982

  • कब भेजा गया? 10 अप्रैल 1982
  • कैसे भेजा गया? डेल्टा रॉकेट (अमेरिका) से
  • कहां से भेजा गया? केनेडी स्पेस सेंटर, अमेरिका
  • क्यों भेजा गया? संचार और मौसम निगरानी के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत की पहली बहुउद्देशीय उपग्रह प्रणाली का हिस्सा

4. आईआरएस-1A (IRS-1A) – 1988

  • कब भेजा गया? 17 मार्च 1988
  • कैसे भेजा गया? वोस्तोक रॉकेट (रूस) से
  • कहां से भेजा गया? बैकोनूर, सोवियत संघ
  • क्यों भेजा गया? प्राकृतिक संसाधनों के अध्ययन के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत का पहला पृथ्वी संसाधन उपग्रह

5. जीसैट-1 (GSAT-1) – 2001

  • कब भेजा गया? 18 अप्रैल 2001
  • कैसे भेजा गया? GSLV-D1 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? दूरसंचार और प्रसारण सेवाओं के लिए
  • विशेष बातें:
    • पहला GSLV मिशन, लेकिन उपग्रह कक्षा में ठीक से स्थापित नहीं हो सका

6. चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) – 2008

  • कब भेजा गया? 22 अक्टूबर 2008
  • कैसे भेजा गया? PSLV-C11 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? चंद्रमा की सतह पर जल की खोज करने के लिए
  • विशेष बातें:
    • पहली बार चंद्रमा पर पानी की उपस्थिति की पुष्टि की

7. मंगलयान (Mangalyaan) – 2013

  • कब भेजा गया? 5 नवंबर 2013
  • कैसे भेजा गया? PSLV-C25 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? मंगल ग्रह की कक्षा में अध्ययन के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंचने वाला पहला देश बना
    • दुनिया का सबसे सस्ता मंगल मिशन (~450 करोड़ रुपये)

8. चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) – 2019

  • कब भेजा गया? 22 जुलाई 2019
  • कैसे भेजा गया? GSLV Mk III से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करने के लिए
  • विशेष बातें:
    • विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया, लेकिन ऑर्बिटर सफलतापूर्वक काम कर रहा है

9. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) – 2023

  • कब भेजा गया? 14 जुलाई 2023
  • कैसे भेजा गया? LVM-3 (GSLV Mk III) से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना

10. आदित्य-L1 (Aditya-L1) – 2023

  • कब भेजा गया? 2 सितंबर 2023
  • कैसे भेजा गया? PSLV-C57 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? सूर्य के अध्ययन के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत का पहला सौर मिशन

11. नवीक (NavIC) – 2016-2018

  • कब भेजा गया? 2016-2018 के बीच कई उपग्रह भेजे गए
  • कैसे भेजा गया? PSLV द्वारा
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? भारत का खुद का नेविगेशन सिस्टम विकसित करने के लिए
  • विशेष बातें:
    • GPS का भारतीय संस्करण, जिसे भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) कहा जाता है

12. एस्ट्रोसैट (Astrosat) – 2015

  • कब भेजा गया? 28 सितंबर 2015
  • कैसे भेजा गया? PSLV-C30 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? खगोल विज्ञान अनुसंधान के लिए
  • विशेष बातें:
    • भारत का पहला बहुउद्देशीय अंतरिक्ष वेधशाला (टेलीस्कोप) मिशन

13. रिसैट-2बी (RISAT-2B) – 2019

  • कब भेजा गया? 22 मई 2019
  • कैसे भेजा गया? PSLV-C46 से
  • कहां से भेजा गया? श्रीहरिकोटा, भारत
  • क्यों भेजा गया? निगरानी और रक्षा उद्देश्यों के लिए
  • विशेष बातें:
    • यह राडार इमेजिंग उपग्रह है जो हर मौसम में निगरानी कर सकता है

निष्कर्ष

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने संचार, पृथ्वी अवलोकन, ग्रहों की खोज और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आने वाले वर्षों में, गगनयान (मानव मिशन) और शुक्रयान (शुक्र मिशन) जैसे नए मिशन भारत को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।

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