बाबर का जीवन परिचय
पूरा नाम: जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर
जन्म: 14 फरवरी 1483, अंद्रिजान (आधुनिक उजबेकिस्तान)
मृत्यु: 26 दिसंबर 1530, आगरा
वंश: तैमूरी वंश (मुगल वंश का संस्थापक)
पिता: उमर शेख मिर्जा (फरगना का शासक)
माता: कुतलुग निगार खानम
बाबर तैमूर (पिता की ओर से) और चंगेज खान (माता की ओर से) का वंशज था। उसने भारत में मुगल वंश की नींव रखी और दिल्ली सल्तनत के अंतिम शासक इब्राहिम लोदी को हराकर अपना शासन स्थापित किया।
बाबर का साम्राज्य और उसका विस्तार
बाबर ने भारत में अपनी विजय के बाद निम्नलिखित क्षेत्रों पर शासन किया:
- उत्तर भारत: दिल्ली, आगरा, पंजाब, गंगा-यमुना दोआब
- अफगानिस्तान: काबुल और कंधार
- मध्य एशिया: समरकंद (कुछ समय के लिए)
- राजस्थान का कुछ हिस्सा
हालाँकि, उसके शासन का स्थायी विस्तार भारत में ही हुआ।
बाबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध
- पानीपत का प्रथम युद्ध (1526)
- प्रतिद्वंदी: इब्राहिम लोदी (दिल्ली सल्तनत)
- परिणाम: बाबर ने लोदी को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।
- विशेषता: बाबर ने तोपखाने और तुलगुमा युद्धनीति का उपयोग किया।
- खानवा का युद्ध (1527)
- प्रतिद्वंदी: राणा सांगा (मेवाड़)
- परिणाम: बाबर की जीत, राजपूत शक्ति को कमजोर कर दिया।
- विशेषता: युद्ध में बाबर ने ‘जिहाद’ और ‘गाजी’ की उपाधि धारण की।
- चंदेरी का युद्ध (1528)
- प्रतिद्वंदी: मेदिनी राय (राजपूत शासक)
- परिणाम: बाबर की विजय, राजपूत प्रतिरोध और कमजोर हुआ।
- घाघरा का युद्ध (1529)
- प्रतिद्वंदी: अफगान सरदार और बंगाल के शासक
- परिणाम: बाबर की जीत, पूर्वी भारत में मुगल सत्ता मजबूत हुई।
बाबर के शासनकाल में लिखे गए साहित्य और किताबें
1. बाबरनामा (तुजुक-ए-बाबरी)
- भाषा: मूल रूप से चगताई तुर्की भाषा में लिखा गया था (बाद में फारसी में अनुवाद किया गया)।
- विषय: यह बाबर की आत्मकथा है, जिसमें उसने अपने जीवन, युद्धों, भारत की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, वनस्पति और संस्कृति का वर्णन किया है।
- महत्व: यह मध्य एशिया और भारत के तत्कालीन इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत है।
2. अन्य साहित्य
- बाबर स्वयं एक कुशल कवि और लेखक था। उसने फारसी और तुर्की भाषा में कविताएँ लिखीं।
- उसके दरबार में कई विद्वान थे, जिन्होंने साहित्य और इतिहास से जुड़े ग्रंथों की रचना की।
बाबर के समय में निर्मित स्थापत्य कला और भवन
बाबर के शासनकाल में कोई बहुत बड़े भव्य महल या किले नहीं बने, लेकिन उसने कुछ महत्वपूर्ण उद्यान और मस्जिदें बनवाईं।
- राम बाग (आगरा):
- भारत का पहला मुगल शैली का चारबाग उद्यान।
- इसे ‘अराम बाग’ भी कहा जाता था।
- काबुल में बाबर का मकबरा:
- बाबर की इच्छा के अनुसार, उसे आगरा में दफनाने के बजाय काबुल में दफनाया गया।
- उसका मकबरा एक सुंदर उद्यान के बीच स्थित है।
- पानीपत में बाबरी मस्जिद:
- पानीपत के प्रथम युद्ध की विजय के बाद बाबर ने इसे बनवाया।
- अयोध्या में बाबरी मस्जिद (1528):
- इस मस्जिद का निर्माण मीर बाकी नामक सेनापति ने करवाया था।
- यह भारत के इतिहास में विवादास्पद स्थल रहा है।
बाबर से जुड़े प्रमुख व्यक्ति
- हमायूं – बाबर का पुत्र और उत्तराधिकारी।
- मीर बाकी – बाबर का सेनापति, जिसने बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया।
- खवास खान – बाबर का भरोसेमंद सेनापति।
- राहिमी बेगम – बाबर की पत्नी।
बाबर द्वारा किए गए विशेष कार्य
- तोपखाने और तुलगुमा युद्धनीति का प्रयोग:
- बाबर भारत में तोपों का उपयोग करने वाला पहला शासक था।
- जमींदारी प्रथा का अंत:
- उसने दिल्ली सल्तनत के दौरान प्रचलित जमींदारी प्रथा को कमजोर किया।
- जल और उद्यान निर्माण को बढ़ावा:
- बाबर ने फारसी शैली के चारबाग उद्यानों की शुरुआत की।
- मुगल प्रशासन की नींव रखी:
- उसने एक संगठित प्रशासन की शुरुआत की, जिससे मुगल शासन को मजबूती मिली।
बाबर की मृत्यु और उत्तराधिकारी
- बाबर की मृत्यु 26 दिसंबर 1530 को आगरा में हुई।
- उसे पहले आगरा में दफनाया गया, लेकिन बाद में उसकी इच्छा के अनुसार काबुल में स्थानांतरित किया गया।
- उसके बाद उसका पुत्र हुमायूं गद्दी पर बैठा, लेकिन वह अफगानों और शेरशाह सूरी से संघर्ष के कारण स्थायी रूप से शासन नहीं कर सका।
निष्कर्ष
बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। उसने आधुनिक युद्ध तकनीकों का उपयोग करके दिल्ली सल्तनत को समाप्त कर दिया और एक शक्तिशाली साम्राज्य की नींव रखी।
उसकी आत्मकथा ‘बाबरनामा’ न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक स्थिति का भी महत्वपूर्ण विवरण देती है।
हालाँकि, बाबर का शासनकाल केवल 4 साल (1526-1530) ही रहा, लेकिन उसने भारत के इतिहास की दिशा बदल दी।