बहराम शाह

बहराम शाह (1240-1242 ई.) – दिल्ली सल्तनत का कमजोर शासक

परिचय

  • पूरा नाम: बहराम शाह
  • वंश: गुलाम वंश (ममलूक वंश)
  • राज्यकाल: 1240-1242 ई.
  • पिता: शम्सुद्दीन इल्तुतमिश
  • बहन: रज़िया सुल्तान
  • मृत्यु: 15 मई 1242 ई.

बहराम शाह का परिवार और शासन में उसकी भूमिका

  • बहराम शाह, दिल्ली सल्तनत के गुलाम वंश का छठा शासक था
  • वह इल्तुतमिश का पुत्र और रज़िया सुल्तान का भाई था
  • रज़िया सुल्तान की हत्या (1240 ई.) के बाद तुर्की अमीरों ने उसे दिल्ली की गद्दी पर बैठाया।
  • हालांकि, वह एक कमजोर शासक साबित हुआ, क्योंकि तुर्की अमीरों (चालीसा दल) के प्रभाव में रहा।

बहराम शाह के शासनकाल में लड़े गए प्रमुख युद्ध

  1. गयासुद्दीन बलबन और तुर्की अमीरों के खिलाफ संघर्ष (1241 ई.)
    • तुर्की अमीरों ने उसकी सत्ता को कमजोर करने की कोशिश की
    • बलबन (जो बाद में दिल्ली का सुल्तान बना) ने अमीरों का समर्थन किया और बहराम शाह को बेकार साबित किया।
  2. मंगोल आक्रमण (1241 ई.)
    • मंगोलों ने लाहौर पर आक्रमण किया और भारी तबाही मचाई
    • बहराम शाह मंगोल आक्रमण को रोकने में असफल रहा
  3. दिल्ली के अमीरों का विद्रोह और अंत (1242 ई.)
    • तुर्की अमीरों को लगा कि बहराम शाह अयोग्य है, इसलिए उन्होंने उसे सत्ता से हटा दिया
    • 1242 ई. में उसे कैद कर लिया गया और बाद में मार दिया गया

बहराम शाह का साम्राज्य

  • दिल्ली, बदायूं और आसपास के कुछ क्षेत्रों पर उसका नियंत्रण था।
  • हालांकि, उसके शासन में दिल्ली सल्तनत कमजोर होती गई और मंगोलों के हमले बढ़ गए

बहराम शाह के समय का साहित्य और कवि

  • बहराम शाह एक कमजोर शासक था, इसलिए उसके शासन में कोई विशेष साहित्यिक उपलब्धि नहीं हुई
  • हालांकि, उस समय फारसी साहित्य का विकास जारी रहा
  • कुछ महत्वपूर्ण लेखक और कवि थे:
    1. अमीर खुसरो (हालांकि वह बाद में खिलजी काल में प्रसिद्ध हुए)
    2. हसन निज़ामी (इल्तुतमिश के समय के इतिहासकार, जिन्होंने सल्तनत की स्थिति को लिखा)
    3. मिन्हाज-ए-सिराज – जिन्होंने तबकात-ए-नासिरी लिखा, जिसमें बहराम शाह का जिक्र मिलता है।

बहराम शाह से जुड़ी स्थापत्य कला और निर्माण कार्य

  • उसके शासन में कोई महत्वपूर्ण स्थापत्य कला या स्मारक नहीं बनाए गए।
  • उसके कमजोर शासन के कारण दिल्ली सल्तनत की संपत्ति और शक्ति में गिरावट आई

बहराम शाह की मृत्यु और उसका अंत

  • 1242 ई. में तुर्की अमीरों ने उसे सत्ता से हटा दिया और बाद में उसकी हत्या कर दी
  • गयासुद्दीन बलबन और तुर्की अमीरों ने उसे बेकार शासक मानकर समाप्त कर दिया
  • उसकी मौत के बाद 1242 ई. में उसका भाई अलाउद्दीन मसूद शाह दिल्ली का नया सुल्तान बना

निष्कर्ष

  • बहराम शाह एक कमजोर और असफल शासक था
  • वह पूरी तरह तुर्की अमीरों के नियंत्रण में था और मंगोल आक्रमण को रोकने में असफल रहा
  • उसने कोई महत्वपूर्ण युद्ध नहीं जीता और दिल्ली सल्तनत कमजोर होती गई
  • अंततः 1242 ई. में तुर्की अमीरों ने उसे मार दिया और उसकी जगह अलाउद्दीन मसूद शाह को बैठा दिया
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