प्राचीन भारत के इतिहास को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जाता है:
1. प्रारंभिक इतिहास (प्रागैतिहासिक एवं सिंधु घाटी सभ्यता) (~10 लाख ई.पू. – 1500 ई.पू.)
- प्रागैतिहासिक काल: पाषाण युग (पुरापाषाण, मध्यपाषाण, नवपाषाण)।प्रागैतिहासिक काल को तीन भागों में विभाजित किया जाता है:
- सिंधु घाटी सभ्यता: प्रथम शहरी सभ्यता, प्रमुख नगर –
- हड़प्पा
- मोहनजोदड़ो
- धोलावीरा।
2. वैदिक एवं महाजनपद काल (~1500 – 322 ई.पू.)
- वैदिक काल: ऋग्वैदिक और उत्तरवैदिक काल, आर्यों का आगमन, वर्ण व्यवस्था।
- ऋग्वैदिक काल
- उत्तरवैदिक काल
- महाजनपद काल: 16 महाजनपदों का विकास, मगध का उत्थान, जैन और बौद्ध धर्म का उदय।
- प्राचीन भारत में 6वीं से 4वीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान 16 प्रमुख महाजनपद थे, जिनके नाम और राजधानियाँ निम्नलिखित हैं:
- अंग – राजधानी: चंपा
- मगध – राजधानी: राजगृह (बाद में पाटलिपुत्र)
- काशी – राजधानी: वाराणसी
- कोसल – राजधानी: श्रावस्ती
- वज्जि – राजधानी: वैशाली
- मल्ल – राजधानी: कुशीनगर और पावा
- चेदि – राजधानी: शुक्तिमती
- वत्स – राजधानी: कौशाम्बी
- कुरु – राजधानी: इंद्रप्रस्थ और हस्तिनापुर
- पांचाल – राजधानी: अहिच्छत्र (उत्तर पांचाल) और काम्पिल्य (दक्षिण पांचाल)
- मत्स्य – राजधानी: विराटनगर
- सुरसेन – राजधानी: मथुरा
- अस्सक – राजधानी: पोटलि
- अवंती – राजधानी: उज्जयिनी (उत्तर अवंती) और महिष्मति (दक्षिण अवंती)
- गांधार – राजधानी: तक्षशिला
- कंबोज – राजधानी: राजपुर
- इन महाजनपदों का उल्लेख बौद्ध ग्रंथ ‘अंगुत्तर निकाय’ और जैन साहित्य में मिलता है।
3. साम्राज्यवादी काल (मौर्य से गुप्त काल तक) (~322 ई.पू. – 1200 ई.)
- मौर्य साम्राज्य: चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक और बौद्ध धर्म का प्रसार।
- मौर्य साम्राज्य के प्रमुख सम्राटों के नाम निम्नलिखित हैं:
- चंद्रगुप्त मौर्य
- बिंदुसार
- अशोक महान
- कुणाल मौर्य
- दशरथ मौर्य
- संप्रति मौर्य
- शालिसुक मौर्य
- देववर्मन मौर्य
- शतधन्वन मौर्य
- बृहद्रथ मौर्य
- इन सम्राटों ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उत्तर मौर्यकाल: शुंग, कण्व, सातवाहन, कुषाण और शक राजवंश।
- मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद, भारत में निम्नलिखित प्रमुख राजवंशों का उदय हुआ:
- शुंग वंश
- कण्व वंश
- सातवाहन वंश
- इक्ष्वाकु वंश
- कुषाण वंश
- शक वंश
- पल्लव वंश
- चेर वंश
- पांड्य वंश
- चोल वंश
- इन राजवंशों ने विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया और भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- गुप्त काल: भारत का स्वर्ण युग, विज्ञान, कला और साहित्य का उत्कर्ष।
- गुप्त साम्राज्य के प्रमुख सम्राटों के नाम निम्नलिखित हैं:
- श्रीगुप्त
- घटोत्कच
- चंद्रगुप्त प्रथम
- समुद्रगुप्त
- रामगुप्त
- चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)
- कुमारगुप्त प्रथम
- स्कंदगुप्त
- पुरुगुप्त
- नरसिंहगुप्त बालादित्य
- कुमारगुप्त द्वितीय
- विष्णुगुप्त
- इन सम्राटों ने गुप्त साम्राज्य की स्थापना, विस्तार और प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उत्तर गुप्तकाल: हर्षवर्धन और राजपूत राज्यों का उदय, अंततः इस्लामी आक्रमण की शुरुआत।
- उत्तर गुप्त काल में निम्नलिखित प्रमुख राजवंशों का उदय हुआ:
- वर्धन वंश
- मौखरी वंश
- गौड़ वंश
- पल्लव वंश
- चालुक्य वंश
- पुष्यभूति वंश
- मैतक वंश
- इन राजवंशों ने गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत के विभिन्न क्षेत्रों में शासन किया और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यदि आपको किसी विशेष भाग की विस्तृत जानकारी चाहिए तो बताइए!