पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors) – MPPSC के लिए विस्तृत जानकारी
परिचय
पर्यावरणीय कारक वे तत्व या स्थितियाँ होती हैं जो जीवों (पौधे, प्राणी, सूक्ष्मजीव) को प्रभावित करती हैं और उनके अस्तित्व, वृद्धि, विकास और व्यवहार को निर्धारित करती हैं। ये कारक प्राकृतिक भी हो सकते हैं (जैसे जलवायु, मिट्टी) और मानव निर्मित भी (जैसे प्रदूषण, शहरीकरण)।
पर्यावरणीय कारकों के प्रकार
पर्यावरणीय कारकों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है:
1. अजैविक कारक (Abiotic Factors)
ये वे कारक हैं जो निर्जीव (Non-Living) होते हैं, लेकिन जीवों के जीवन को सीधे या परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।
(i) भौतिक कारक (Physical Factors)
- तापमान (Temperature):
- जैविक क्रियाओं, चयापचय दर (Metabolic Rate), और प्रजनन को प्रभावित करता है।
- शीतकालीन (हाइबरनेशन) और ग्रीष्मकालीन निष्क्रियता (एस्थिवेशन) को प्रेरित करता है।
- प्रकाश (Light):
- पौधों में प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- जीवों की दैनिक और मौसमी गतिविधियों को प्रभावित करता है (जैसे: दिन-रात्रि चक्र, प्रजनन काल)।
- जल (Water):
- जल की उपलब्धता पारिस्थितिकी तंत्र में जीवों की विविधता को नियंत्रित करती है।
- जलीय और स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के लिए जल की गुणवत्ता एवं मात्रा महत्वपूर्ण होती है।
- वायु (Air):
- ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन जीवों की श्वसन प्रक्रिया और प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करता है।
- वायु की गति (हवा) परागण (Pollination) और बीज प्रकीर्णन (Seed Dispersal) को प्रभावित करती है।
- मिट्टी (Soil):
- मिट्टी की बनावट, पोषक तत्वों की मात्रा, नमी आदि पौधों की वृद्धि एवं विकास को नियंत्रित करते हैं।
- विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ (जलोढ़, काली, लाल) विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों के लिए उपयुक्त होती हैं।
(ii) रासायनिक कारक (Chemical Factors)
- pH स्तर:
- अम्लीय (Acidic) और क्षारीय (Alkaline) प्रकृति जीवों की वृद्धि और पोषक तत्वों की उपलब्धता को प्रभावित करती है।
- उदाहरण: अम्लीय मृदा चाय के पौधों के लिए अनुकूल होती है।
- खनिज लवण (Mineral Salts):
- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम जैसे तत्व पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं।
- जलीय पारिस्थितिक तंत्र में नमक की मात्रा समुद्री और मीठे पानी की मछलियों को प्रभावित करती है।
2. जैविक कारक (Biotic Factors)
ये वे कारक होते हैं जो जीवित प्राणियों से जुड़े होते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य जीवों को प्रभावित करते हैं। जैविक कारकों को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है:
(i) उत्पादक (Producers) / स्वपोषी (Autotrophs)
- वे जीव जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
- उदाहरण: हरे पौधे, शैवाल (Algae), कुछ बैक्टीरिया (Cyanobacteria)।
(ii) उपभोक्ता (Consumers) / परपोषी (Heterotrophs)
- वे जीव जो सीधे या परोक्ष रूप से उत्पादकों पर निर्भर होते हैं।
- प्रकार:
- शाकाहारी (Herbivores): केवल पौधों पर निर्भर (जैसे: हिरण, गाय)।
- मांसाहारी (Carnivores): अन्य जीवों का शिकार करने वाले (जैसे: बाघ, शेर)।
- सर्वाहारी (Omnivores): पौधों और जीवों दोनों को खाने वाले (जैसे: भालू, मानव)।
- अपमार्जक (Scavengers): मृत जीवों को खाने वाले (जैसे: गिद्ध, लकड़बग्घा)।
(iii) अपघटक (Decomposers) / मृतजीवी (Saprotrophs)
- ये वे जीव होते हैं जो मृत पदार्थों को विघटित करके पोषक तत्वों को पुनः पर्यावरण में छोड़ते हैं।
- उदाहरण: बैक्टीरिया, कवक (Fungi), केंचुए।
3. सामाजिक एवं पारिस्थितिक कारक (Socio-Ecological Factors)
- जनसंख्या घनत्व (Population Density): अधिक जनसंख्या संसाधनों पर दबाव डालती है।
- शहरीकरण (Urbanization): जैव विविधता और प्राकृतिक आवासों को प्रभावित करता है।
- कृषि (Agriculture): अत्यधिक कीटनाशकों और उर्वरकों के उपयोग से पारिस्थितिकी असंतुलन होता है।
- वन कटाई (Deforestation): जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करती है।
पर्यावरणीय कारकों का महत्व
- पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना: ये कारक जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखते हैं।
- अभिवृत्ति और विकास को प्रभावित करना: विभिन्न जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ जीवों के अनुकूलन (Adaptation) को प्रभावित करती हैं।
- आबादी और संसाधनों का नियमन: जीवों की आबादी, भोजन की उपलब्धता और पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
- मानव जीवन पर प्रभाव: जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होते हैं।
MPPSC परीक्षा में संभावित प्रश्न
- पर्यावरणीय कारकों के मुख्य प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
- जैविक और अजैविक कारकों के बीच मुख्य अंतर बताइए।
- तापमान और जल का पारिस्थितिकी तंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक के उदाहरण दीजिए।
- प्रकाश का जैविक गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
यह जानकारी MPPSC की पर्यावरण से संबंधित परीक्षाओं में आपकी मदद करेगी!