केन नदी: विस्तृत जानकारी
1. उद्गम और प्रवाह मार्ग
- केन नदी मध्य प्रदेश के कटनी जिले में कैमोर पहाड़ियों से निकलती है।
- यह उत्तर दिशा में प्रवाहित होती हुई पन्ना, छतरपुर, और बांदा (उत्तर प्रदेश) जिलों से होकर गुजरती है।
- अंततः यह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में मिलती है।
- इसकी कुल लंबाई 427 किलोमीटर है।
2. केन नदी का अपवाह तंत्र (Drainage System)
केन नदी का अपवाह तंत्र बुंदेलखंड क्षेत्र में फैला हुआ है। यह विन्ध्याचल पर्वत से निकलकर बुंदेलखंड के पठारी और समतल भाग से होकर बहती है। इस नदी का अपवाह तंत्र मुख्यतः मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैला है।
विशेषताएँ:
- यह पानी की अधिकता और कम वर्षा के कारण असंतुलित प्रवाह वाली नदी है।
- बारिश के मौसम में नदी का जलस्तर बहुत बढ़ जाता है, जबकि गर्मी में यह कहीं-कहीं सूख जाती है।
- नदी का बेसिन क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर से बना है।
3. केन नदी से जुड़े प्रमुख जिले और शहर
(1) कटनी (मध्य प्रदेश)
- महत्व: यह केन नदी का उद्गम स्थल है।
- विशेष स्थान: कैमोर पर्वत, कटनी जंक्शन।
(2) पन्ना (मध्य प्रदेश)
- महत्व: पन्ना राष्ट्रीय उद्यान और प्रसिद्ध हीरा खदानें केन नदी के किनारे स्थित हैं।
- विशेष स्थान: पांडव गुफाएँ, केन नदी जलप्रपात।
(3) छतरपुर (मध्य प्रदेश)
- महत्व: बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रमुख जिला, खजुराहो के पास स्थित।
- विशेष स्थान: खजुराहो मंदिर समूह, राजगढ़ किला।
(4) बांदा (उत्तर प्रदेश)
- महत्व: केन नदी यहाँ यमुना नदी में मिलती है।
- विशेष स्थान: कालिंजर किला, बांदा जलप्रपात।
4. केन नदी पर बने प्रमुख बांध और सिंचाई परियोजनाएँ
(1) केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project)
- भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना, जिसमें केन नदी को बेतवा नदी से जोड़ा जाएगा।
- उद्देश्य: बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करना।
- प्रमुख घटक: दौधन बाँध और नहर प्रणाली।
(2) रनगवाँ बाँध (Rangawan Dam)
- स्थान: पन्ना जिला
- उद्देश्य: सिंचाई और जलापूर्ति।
(3) बरियारपुर बाँध (Bariyarpur Dam)
- स्थान: उत्तर प्रदेश
- विशेषता: यह केन नदी पर जल संरक्षण के लिए बनाया गया है।
5. केन नदी से जुड़े प्रमुख अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान
(1) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (Panna National Park)
- स्थान: पन्ना और छतरपुर जिले में स्थित।
- महत्व: यह मध्य प्रदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व में से एक है।
- प्रमुख जीव: बाघ, तेंदुआ, चीतल, मगरमच्छ, भालू आदि।
- विशेषता:
- यहाँ केन नदी बहती है, जो पार्क के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद करती है।
- केन नदी मगरमच्छ संरक्षण क्षेत्र भी यहाँ स्थित है।
(2) केन घड़ियाल अभयारण्य (Ken Gharial Sanctuary)
- स्थान: पन्ना और बांदा जिले में स्थित।
- महत्व:
- यह भारत के कुछ प्रमुख घड़ियाल संरक्षण क्षेत्रों में से एक है।
- केन नदी के किनारे बसे मगरमच्छों और अन्य जलजीवों का संरक्षण किया जाता है।
6. केन नदी से जुड़े प्रमुख पर्यटक स्थल
(1) रानेह जलप्रपात (Raneh Waterfall)
- स्थान: पन्ना और छतरपुर जिले की सीमा पर।
- महत्व:
- यह केन नदी पर स्थित प्राकृतिक जलप्रपात है।
- इसे “ग्रांड कैन्यन ऑफ इंडिया” कहा जाता है, क्योंकि यहाँ विभिन्न प्रकार की ग्रेनाइट चट्टानें पाई जाती हैं।
(2) पांडव जलप्रपात (Pandav Falls)
- स्थान: पन्ना जिले में स्थित।
- महत्व:
- यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ माना जाता है कि महाभारत के पांडवों ने वनवास के दौरान समय बिताया था।
(3) खजुराहो मंदिर (Khajuraho Temples)
- स्थान: छतरपुर जिला।
- महत्व:
- यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
- केन नदी के निकट स्थित यह मंदिर समूह प्राचीन भारतीय वास्तुकला और मूर्तिकला का बेहतरीन उदाहरण हैं।
(4) कालिंजर किला (Kalinjar Fort)
- स्थान: बांदा जिला, उत्तर प्रदेश।
- महत्व:
- बुंदेला और चंदेल राजाओं के शासनकाल का एक महत्वपूर्ण किला।
- केन नदी इस क्षेत्र से होकर गुजरती है।
7. केन नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ
(1) कुटनी नदी (Kutni River)
- केन नदी की प्रमुख सहायक नदी, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मिलती है।
(2) धसान नदी (Dhasan River)
- यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बहने वाली एक महत्वपूर्ण नदी है, जो केन नदी में मिलती है।
(3) व्यारमा नदी (Byarma River)
- यह नदी कटनी जिले में केन नदी में मिलती है।
8. केन नदी से जुड़े रोचक तथ्य
- केन नदी का प्राचीन नाम “करणवती” था।
- महाभारत में केन नदी का उल्लेख मिलता है।
- केन नदी भारत की पहली “नदी जोड़ो परियोजना” का हिस्सा है।
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का 90% जल स्रोत केन नदी से आता है।
- रानेह जलप्रपात में बहने वाली केन नदी की गहराई और रंग-बिरंगी चट्टानें इसे एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाती हैं।
- यह भारत की उन गिनी-चुनी नदियों में से एक है, जहाँ घड़ियालों की प्राकृतिक रूप से संख्या बढ़ रही है।
निष्कर्ष
केन नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि इतिहास, पर्यावरण, और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। इसकी सहायक नदियाँ, अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान, बांध और ऐतिहासिक स्थल इसे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं।