इल्तुतमिश

इल्तुतमिश (1211-1236 ई.) – गुलाम वंश का महान शासक

परिचय

पूरा नाम: शम्सुद्दीन इल्तुतमिश
वंश: गुलाम वंश (ममलूक वंश)
राज्यकाल: 1211-1236 ई.
राजधानी: दिल्ली
मृत्यु: 30 अप्रैल 1236 ई.


इल्तुतमिश कौन था और वह राजा कैसे बना?

  • इल्तुतमिश तुर्किस्तान (आधुनिक उज्बेकिस्तान) का एक तुर्क गुलाम था
  • बचपन में उसे उसके भाइयों ने गुलाम बनाकर बेच दिया
  • बाद में, उसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने खरीद लिया और वह धीरे-धीरे उसका प्रिय सेनापति और दामाद बन गया।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु (1210 ई.) के बाद, दिल्ली की गद्दी पर आराम शाह बैठा, लेकिन वह कमजोर शासक था।
  • 1211 ई. में दिल्ली के तुर्की अमीरों ने इल्तुतमिश को बुलाया और उसने आराम शाह को हराकर सत्ता पर कब्जा कर लिया।
  • 1215 ई. में, खलीफा ने भी उसे दिल्ली का वैध शासक घोषित कर दिया।

इल्तुतमिश का परिवार

  • इल्तुतमिश की मुख्य पत्नी तुरकान खातून थी।
  • उसके कई पुत्र थे, लेकिन योग्य उत्तराधिकारी रज़िया सुल्तान थी।
  • 1236 ई. में उसकी मृत्यु के बाद, उसकी पुत्री रज़िया सुल्तान भारत की पहली महिला शासक बनी

इल्तुतमिश का साम्राज्य और विस्तार

इल्तुतमिश ने अपने शासनकाल में उत्तर भारत में मुस्लिम शासन को संगठित और सुदृढ़ किया। उसके साम्राज्य में शामिल प्रमुख क्षेत्र:

  1. दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र – दिल्ली उसकी राजधानी थी।
  2. राजस्थान – रणथंभौर, अजमेर, मंदौर पर अधिकार किया।
  3. बंगाल और बिहार – 1225 ई. में कब्जा कर इन्हें सल्तनत में मिला लिया।
  4. मलवा और ग्वालियर – हिन्दू राजाओं को हराकर इन क्षेत्रों पर अधिकार किया।
  5. सिंध और पंजाब – इन क्षेत्रों को मजबूत नियंत्रण में रखा।

इल्तुतमिश के प्रमुख युद्ध और विजय

1. यल्दुज से संघर्ष (1215 ई.)

  • इल्तुतमिश ने गजनी के शासक यल्दुज को हराया और उसे मार दिया।

2. नासिरुद्दीन कुबाचा से संघर्ष (1217 ई.)

  • कुबाचा सिंध और मुल्तान का शासक था, जिसे इल्तुतमिश ने हराया।

3. मंगोल आक्रमण (1221 ई.)

  • चंगेज खान ने भारत पर आक्रमण किया, लेकिन इल्तुतमिश ने बुद्धिमानी से उससे युद्ध नहीं किया और उसे शांतिपूर्वक लौटने दिया

4. बंगाल और बिहार पर अधिकार (1225 ई.)

  • बंगाल के शासक को हराकर इसे दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।

5. राजस्थान पर विजय (1231-1235 ई.)

  • रणथंभौर, मंदौर, अजमेर और ग्वालियर पर अधिकार किया।
  • कालींजर और उड़ीसा पर भी आक्रमण किया, लेकिन पूर्ण विजय नहीं मिली।

इल्तुतमिश द्वारा किए गए प्रमुख कार्य

  1. “तुर्कान-ए-चिहलगानी” (चालीस अमीरों की सभा) की स्थापना
    • यह 40 तुर्की अमीरों की परिषद थी, जो राज्य की नीतियों पर सलाह देती थी।
  2. राजनीतिक स्थिरता
    • उसने दिल्ली सल्तनत की नींव को मजबूत किया और इसे मंगोल आक्रमणों से बचाया।
  3. राजस्व प्रणाली
    • उसने “इक्ता प्रणाली” लागू की, जिसमें भूमि को अधिकारियों में बांट दिया जाता था।
  4. साम्राज्य का केंद्रीकरण
    • उसने सल्तनत के प्रशासन को केंद्रीकृत किया और शक्तिशाली अमीरों को नियंत्रित किया

इल्तुतमिश द्वारा बनवाई गई स्थापत्य कला और प्रमुख स्मारक

1. कुतुब मीनार का निर्माण पूरा किया (1220 ई.)

  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे शुरू किया था, लेकिन इल्तुतमिश ने इसे पूरा किया
  • यह विश्व की सबसे ऊंची ईंटों से बनी मीनार है।

2. सुल्तान गढ़ी (1231 ई.)

  • यह भारत का पहला इस्लामी मकबरा है, जो उसने अपने पुत्र नसीरुद्दीन महमूद के लिए बनवाया

3. दिल्ली का किला मजबूत किया

  • उसने दिल्ली के किलेबंदी को मजबूत किया।

4. जामा मस्जिदों का निर्माण

  • इल्तुतमिश ने कई मस्जिदों का निर्माण कराया, खासकर दिल्ली और अजमेर में।

इल्तुतमिश से जुड़े शहर और राजधानी

  • राजधानी: दिल्ली (दिल्ली को उसने मजबूत प्रशासनिक केंद्र बनाया)।
  • अन्य महत्वपूर्ण शहर: अजमेर, लाहौर, बदायूं, ग्वालियर, बंगाल, सिंध।

इल्तुतमिश के समय का साहित्य और विद्वान

  1. मिन्हाज-ए-सिराज – इस इतिहासकार ने “तबकात-ए-नासिरी” नामक पुस्तक लिखी, जिसमें गुलाम वंश का इतिहास दिया गया है।
  2. अल-बरनी – उसने बाद में इल्तुतमिश के प्रशासन की प्रशंसा की।
  3. अमीर खुसरो – यह इल्तुतमिश के बाद आया, लेकिन उसके शासन को महत्वपूर्ण बताया।

इल्तुतमिश की मृत्यु और उत्तराधिकारी

  • 30 अप्रैल 1236 ई. को इल्तुतमिश की मृत्यु दिल्ली में हुई
  • उसने अपनी बेटी रज़िया सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन दरबारी अमीरों ने पहले रूकुनुद्दीन फिरोज को गद्दी पर बैठाया
  • बाद में, 1236 ई. में रज़िया सुल्तान दिल्ली की सुल्तान बनी और भारत की पहली महिला शासक बनी।

निष्कर्ष

  • इल्तुतमिश गुलाम वंश का सबसे महान शासक था
  • उसने दिल्ली सल्तनत को संगठित किया, राजस्व प्रणाली लागू की और प्रशासन को मजबूत किया
  • उसने कुतुब मीनार को पूरा किया, “तुर्कान-ए-चिहलगानी” की स्थापना की और इक्ता प्रणाली लागू की
  • उसकी मृत्यु के बाद रज़िया सुल्तान दिल्ली की पहली महिला सुल्तान बनी

इल्तुतमिश को “दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक” कहा जाता है।

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