अकबर: मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग
अकबर का परिचय
पूरा नाम: जलाल उद्दीन मुहम्मद अकबर
जन्म: 15 अक्टूबर 1542, अमरकोट (सिंध, वर्तमान पाकिस्तान)
मृत्यु: 27 अक्टूबर 1605, आगरा
राज्याभिषेक: 1556 (13 वर्ष की आयु में)
पिता: हुमायूं
माता: हमीदा बानो बेगम
पत्नी: जोधाबाई (राजपूत राजकुमारी), रुकैया सुल्तान बेगम आदि
उत्तराधिकारी: जहांगीर
अकबर मुगल वंश का तीसरा और सबसे प्रभावशाली शासक था। उसने भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा और संगठित साम्राज्य स्थापित किया।
अकबर का साम्राज्य और उसका विस्तार
अकबर ने दिल्ली, आगरा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, बंगाल, मालवा, बिहार, उड़ीसा, काबुल, कश्मीर, दक्कन के कुछ भाग और अन्य कई क्षेत्रों पर शासन किया।
मुख्य विजयों और विस्तार
- पंजाब और दिल्ली पर पुनः अधिकार (1556) – पानीपत का द्वितीय युद्ध
- मालवा विजय (1561) – बाज बहादुर को पराजित किया
- गुजरात विजय (1572-1573) – अहमदाबाद और सूरत पर अधिकार
- बंगाल और उड़ीसा विजय (1574-1576)
- राजपूत राज्यों को अधीन किया (1567-1576) – चित्तौड़, रणथंभौर, कालिंजर आदि
- काबुल और कश्मीर पर विजय (1585-1590)
- सिंध और बलूचिस्तान पर अधिकार (1590-1595)
- असम में मुगलों का प्रवेश (1590 के दशक में)
- अहमदनगर, बेरार और खांदेश पर अधिकार (1599-1601)
अकबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध
- पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556)
- प्रतिद्वंदी: हेमू (हेमचंद्र विक्रमादित्य)
- परिणाम: अकबर की जीत, दिल्ली और आगरा पर पुनः मुगलों का अधिकार।
- चित्तौड़ का युद्ध (1567-1568)
- प्रतिद्वंदी: उदय सिंह (मेवाड़)
- परिणाम: चित्तौड़ पर कब्जा, जौहर और साका हुआ।
- रणथंभौर का युद्ध (1569)
- प्रतिद्वंदी: बूंदेला और हाड़ा राजपूत
- परिणाम: रणथंभौर का किला मुगलों के अधीन हुआ।
- हल्दीघाटी का युद्ध (1576)
- प्रतिद्वंदी: महाराणा प्रताप
- परिणाम: अकबर की जीत, लेकिन महाराणा प्रताप गुरिल्ला युद्ध जारी रखे।
- अहमदनगर का युद्ध (1595-1600)
- प्रतिद्वंदी: चाँद बीबी (अहमदनगर की शासिका)
- परिणाम: अहमदनगर पर अकबर का आंशिक नियंत्रण।
अकबर के शासनकाल में लिखे गए प्रमुख साहित्य और किताबें
- अकबरनामा – अबुल फज़ल (अकबर के जीवन पर विस्तृत ग्रंथ)
- आईन-ए-अकबरी – अबुल फज़ल (अकबर की प्रशासनिक नीतियों का वर्णन)
- तारीख-ए-फरिश्ता – मुहम्मद कासिम फरिश्ता
- मुइन-उल-मुतखब – बदायूनी
- राग दर्पण – तानसेन
- महाभारत का फारसी अनुवाद – अकबर के आदेश पर किया गया
- रामायण का फारसी अनुवाद – अबुल फजल के निर्देशन में किया गया
अकबर के शासनकाल में स्थापत्य कला के उदाहरण
- फतेहपुर सीकरी (1569-1585) – अकबर की राजधानी (बाद में छोड़ दी गई)
- बुलंद दरवाजा – गुजरात विजय की स्मृति में बनाया
- जामा मस्जिद
- पंचमहल
- दीवान-ए-खास और दीवान-ए-आम
- सलीम चिश्ती का मकबरा
- इलाहाबाद किला (1583) – प्रयागराज में स्थित
- लाहौर किला (1585)
- अकबर का मकबरा (सिकंदरा, आगरा)
- आगरा किला (1565-1573) – लाल बलुआ पत्थर से निर्मित
- बीबी का मकबरा (औरंगाबाद) – अकबर के शासनकाल में प्रारंभिक रूप में निर्माण
अकबर के शासनकाल में प्रमुख व्यक्ति
- अबुल फजल – अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी के लेखक
- बीरबल – अकबर के नवरत्नों में शामिल बुद्धिमान सलाहकार
- तानसेन – महान संगीतज्ञ
- राजा टोडरमल – अकबर के वित्त मंत्री, जिन्होंने दहसाला बंदोबस्त लागू किया
- मान सिंह – अकबर के राजपूत सेनापति
- अब्दुल रहीम खान-ए-खाना – प्रसिद्ध कवि और अकबर के करीबी सलाहकार
- सलीम चिश्ती – प्रसिद्ध सूफी संत जिनके सम्मान में फतेहपुर सीकरी में मकबरा बनाया गया
अकबर द्वारा स्थापित विशेष शहर
- फतेहपुर सीकरी – 1569 में अकबर ने इसे राजधानी बनाया लेकिन जल संकट के कारण छोड़ दिया।
- इलाहाबाद (1575) – मुगल प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण केंद्र।
- अकबराबाद (आगरा) – अकबर के समय में मुगल साम्राज्य की राजधानी।
- लाहौर – अकबर ने इसे पुनर्निर्मित किया और किला बनवाया।
अकबर के विशेष कार्य और प्रशासनिक सुधार
- सुलह-ए-कुल नीति – सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता की नीति अपनाई।
- दीन-ए-इलाही (1582) – एक नई धार्मिक विचारधारा बनाई।
- मनसबदारी प्रथा – सैन्य और प्रशासनिक संगठन को व्यवस्थित किया।
- राजपूत नीति – हिंदू राजपूतों से विवाह कर साम्राज्य को मजबूत किया।
- दहसाला प्रणाली (1579) – टोडरमल द्वारा बनाई गई कर प्रणाली।
- नवरत्नों की सभा – अकबर ने 9 महान विद्वानों और सलाहकारों को अपने दरबार में रखा।
- श्रमिक कल्याण और भूमि सुधार – किसानों के लिए नई नीतियाँ लागू कीं।
अकबर का परिवार
पिता: हुमायूं
माता: हमीदा बानो बेगम
पत्नियाँ:
- महारानी जोधाबाई (कुंवर भवानी/हिरकणी बाई) – आमेर के राजा भारमल की बेटी
- रुकैया सुल्तान बेगम
- सलीमा सुल्तान बेगम
बेटा: सलीम (जहांगीर)
अकबर की मृत्यु और उत्तराधिकारी
- मृत्यु: 27 अक्टूबर 1605, आगरा में।
- कारण: संभवतः पेचिश की बीमारी।
- उत्तराधिकारी: जहांगीर (सलीम) को गद्दी मिली।
निष्कर्ष
अकबर भारत का सबसे प्रभावशाली मुगल शासक था। उसने धार्मिक सहिष्णुता, प्रशासनिक सुधार, स्थापत्य कला और साहित्य को बढ़ावा दिया। उसकी नीतियों ने मुगल साम्राज्य को स्थिरता और समृद्धि प्रदान की। उसका शासनकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग माना जाता है।